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History Repeats Itself: दलाल स्ट्रीट की विशलिस्ट हुई पूरी तो 2016 में सेंसेक्स फिर होगा 30 हजारी

बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि वर्ष 2016 में अगर दलाल स्ट्रीट की यह विशलिस्ट पूरी होती है तो सेंसेक्स एक बार फिर 30000 के स्तर छू सकता है।

Dharmender Chaudhary
Published : January 03, 2016 11:13 IST
History Repeats Itself: दलाल स्ट्रीट की विशलिस्ट हुई पूरी तो 2016 में सेंसेक्स फिर होगा 30 हजारी
History Repeats Itself: दलाल स्ट्रीट की विशलिस्ट हुई पूरी तो 2016 में सेंसेक्स फिर होगा 30 हजारी

नई दिल्ली। जीएसटी बिल पर मुहर, स्थिर रुपया, निचली ब्याज दरें, अच्छा मानसून और विदेशी संस्थागत निवेशकों की भारतीय शेयर बाजार में वापसी इन 5 समीकरणों के कॉकटेल से 2016 में भारतीय शेयर बाजार झूम सकते हैं। बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि वर्ष 2016 में अगर दलाल स्ट्रीट की यह विशलिस्ट पूरी होती है तो सेंसेक्स एक बार फिर 30000 के स्तर छू सकता है।

शेयर बाजार की विशलिस्ट पर विशेषज्ञों का नजरिया

बोनान्जा पोर्टफोलियो के एसोसिएट फंड मैनेजर हीरेन डाकन के मुताबिक नए साल पर बाजार की विशलिस्ट में संसद में जीएसटी बिल का पास होना सबसे ऊपर है। इसके बाद इस लिस्ट में रिजर्व बैंक की ओर से ब्याज दरों में कटौती, डॉलर के मुकाबले रुपए में स्थिरता, अच्छा मानसून, चीन की मुद्रा युआन में अब कोई नया अवमूल्यन न होना और सरकार की ओर से कुछ नए रिफॉर्म जिससे विदेशी निवेश आकर्षित हो सके जैसी चीजें शामिल हैं।

जियोजित बीएनपी पारीबास फायनेनशियल सर्विसेज के हेड फंडामेंटल रिसर्च विनोद नायर के मुताबिक शेयर बाजार के लिहाज से जीएसटी बिल को पास कराना इस साल सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकारी खर्चों में बढ़ोतरी और ईज ऑफ डुइंग बिजनेस में भारत की स्थिति सुधारने के लिए सरकार की ओर से किए जाने वाले प्रयास अहम होंगे। विदेशी निवेश के मुद्दे पर नायर का मानना है कि विदशी पूंजी दुनिया में सबसे बेहतर विकल्प की तलाश में है और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में भारत सबसे आकर्षक बाजार हैं।

हेम सिक्योरिटी के निदेशक गौरव जैन के मुताबिक जीएसटी बिल पर मुहर लगना, कंपनियों की ओर से पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी, विदेशी पूंजी का शेयर बाजार में निवेश, अच्छा मानसून, रुपए का मजबूत होना और मैक्रो इकोनॉमिक कंडीशन में सुधार 2016 में शेयर बाजार के लिए अहम ट्रिगर हो सकते हैं।

2015 का साल रहा बड़े उतार-चढ़ाव वाला

2015 का साल शेयर बाजार के लिहाज बड़े उतार-चढ़ाव वाला रहा। इस साल जहां एक ओर शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी ने ऑल टाईम हाई बनाया वहीं दूसरी ओर 24 अगस्त का कारोबारी सत्र सबसे ज्यादा खराब रहा। इस दिन सेंसेक्स एक दिन में करीब 5.94 फीसदी लुढ़क गया, अंकों के लिहाज से यह गिरावट करीब 1654.51 अंक की थी। इस गिरावट का कारण चीन के शेयर बाजार में आई भारी गिरावट थी। इसके अलावा जीएसटी जैसे अहम बिलों में देरी और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अस्थिरता के चलते भारतीय शेयर बाजार का प्रदर्शन निराशाजनक रहा।

2011 के बाद पहला गिरावट वाला साल

2014 में 30 फीसदी के शानदार रिटर्न के बाद 2015 में शेयर बाजार ने निवेशकों को निराश किया। 30 कंपनियों वाला प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 2015 में करीब 5 फीसदी फिसला, अंकों के लिहाज से यह गिरावट 1381.88 अंक की रही। इससे पहले 2011 में शेयर बाजार ने निवेशकों को 24 फीसदी का निगेटिव रिटर्न दिया। इसके बाद 2012, 2013 और 2014 में शेयर बाजार ने निवेशकों को सकारात्मक रिटर्न दिए।

 

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