मुंबई। बाजार में लगातार तीसरे दिन गिरावट दर्ज की गई। बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 239 अंक लुढ़ककर दो सप्ताह के निचले स्तर पर आ गया। वैश्विक बिकवाली के बीच अप्रैल महीने में औद्योगिक उत्पादन घटने से निवेशकों ने अपने निवेश में कमी की। यूरोपीय संघ में ब्रिटेन के भविष्य को लेकर चिंता के बीच वैश्विक स्तर पर बिकवाली देखी गई। इसके अलावा, डॉलर के मुकाबले रुपए के 67 के स्तर तक कमजोर होने से भी कारोबारी धारणा प्रभावित हुई। खुदरा निवेशकों की सतत बिकवाली से मिड-कैप तथा स्मॉल कैप सूचकांक में क्रमश: 0.50 फीसदी और 0.45 फीसदी की गिरावट आई।
शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़े के अनुसार अप्रैल में औद्योगिक उत्पादन में 0.8 फीसदी की गिरावट आई। मुख्य रूप से पूंजी वस्तु उत्पाद में गिरावट के कारण औद्योगिक उत्पादन घटा। इसके अलावा उपभोक्ता मुद्रास्फीति आंकड़ा जारी होने से पहले भी निवेशकों ने सतर्क रूख अपनाया। तीस शेयरों वाले सूचकांक में पूरे कारोबार के दौरान गिरावट देखी गई और एक समय 26,262.27 के निम्न स्तर तक चला गया। बाद में इसमें कुछ सुधार हुआ और अंत में 238.98 अंक (0.90 फीसदी) की गिरावट के साथ 26,396.77 अंक पर बंद हुआ। 26 मई के बाद सेंसेक्स का यह सबसे न्यूनतम स्तर है। पिछले दो सत्रों में सेंसेक्स 384.91 अंक की गिरावट आई थी। पचास शेयरों वाला एनएसई निफ्टी भी 59.45 अंक (0.73 फीसदी) की गिरावट के साथ 8,110.60 अंक पर बंद हुआ।
जियोजीत बीएनपी परिबा फाइनेंशियल सर्विसेज लि. के मुख्य बाजार रणनीतिकार आनंद जेम्स ने कहा, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को लेकर आशंका पिछले महीने के मुकाबले बढ़ी है, इससे धारणा प्रभावित हुई। खासकर रिजर्व बैंक के गवर्नर द्वारा हाल में मौद्रिक नीति समीक्षा में अपनी चिंता जताने के बाद आशंका बढ़ी है। यूरोपीय संघ में ब्रिटेन के बने रहने को लेकर चिंता के बीच वैश्विक बाजारों में भी लगातार गिरावट जारी है। इसके अलावा अमेरिका तथा जापान के केंद्रीय बैंकों की होने वाली बैठकों पर निवेशकों की नजर है। जेम्स ने कहा, वैश्विक स्तर पर कोई रूख नहीं मिलने से निवेशकों की नजर घरेलू गतिविधियों पर हैं। उनकी वित्त मंत्री की कोलकाता में 14-15 को जीएसटी पर बैठक के साथ 16-17 जून को होने वाले राजस्व ग्यान संगम पर भी निगाह है।