नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया कि मेहुल चोकसी ने मनी लांड्रिंग में शामिल रहा है जिसकी वजह से उसकी कंपनी गीतांजलि जेम्स के आभूषण भंडार जब्त किया गया है। ईडी ने अदालत में कहा कि चोकसी मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल है, साथ ही उसने जांच में भी शामिल होने से इनकार किया है। ईडी ने कहा कि आपराधिक गतिविधियों के जरिए जुटाई गई अपराध की कमाई मनी लॉन्ड्रिंग रोधक कानून (PMLA) के दायरे में आती है। मेहुल चोकसी ने यह कमाई भारी भरकम सर्राफा कारोबार की आड़ में किया और इसे सही उचित तरीके से कमाई गई संपत्ति के रूप में दिखाने का प्रयास किया।
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के 11,000 करोड़ रुपए के घोटाले की मनी लांड्रिंग जांच के सिलसिले में जांच एजेंसी ने दस्तावेज और आभूषण जब्त किए थे। चोकसी की कंपनी ने इस कार्रवाई को गैर-कानूनी बताते हुए याचिका दायर की है। न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यामूर्ति आई एस मेहता की पीठ इस याचिका की सुनवाई कर रही है।
ईडी ने अपने हलफनामे में कहा कि कि आभूषण स्टॉक को इसलिए जब्त किया गया क्योंकि याचिका दायर करने वाली कंपनी गीतांजलि जेम्स का सीधे नियंत्रण प्रमुख आरोपी मेहुल चोकसी के पास है, जो मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल है।
अरबपति आभूषण कारोबारी नीरव मोदी और उसके मामा चोकसी पीएनबी के 11,400 करोड़ रुपए के घोटाले के सिलसिले में विभिन्न जांच एजेंसियों की जांच के घेरे में हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने मोदी, उसकी कंपनियों तथा अन्य के खिलाफ सीबीआई की एफआईआर के आधार पर मामला दर्ज किया था।