नई दिल्ली। म्यूचुअल फंड (एमएफ) कंपनियों के अधिकारियों की सैलरी में जल्द कटौती हो सकती है। सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने म्यूचुअल फंड कंपनियों के चीफ एक्सक्युटिव के ऊंचे वेतन पैकेज से चिंतित है। सेबी चाहता है कि एमएफ कंपनियां अपने एक्सक्युटिव के वेतन में कटौती करें और साथ ही कॉस्ट-एफिशिएंट स्ट्रक्चर को अपनाए। सूत्रों ने बताया कि सेबी ने एमएफ कंपनियों को यह भी निर्देश दिया है कि वे पिछले कुछ वर्ष के दौरान सीनियर एक्सक्युटिव को दिए गए सैलरी पैकेज का भी खुलासा करें।
म्यूचुअल फंड कंपनियों के संगठन एसोसिएशन आफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) की अगली बोर्ड की बैठक में फंड हाउसेस के बीच इस मुद्दे पर विचार विमर्श किए जाने की उम्मीद है। म्यूचुअल फंड कंपनियों की कुल लागत में चीफ एक्सक्युटिव का वेतन और डिस्ट्रीब्यूटर्स को दिया जाने वाला कमीशन एक बड़ा हिस्सा होता है। एसेट मैनेजमेंट कम्पनी (एएमसी) में सीईओ, सीआईओ, सेल्स हेड, कम्प्लाइंस अफसर और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर्स को काफी ऊंचा सैलरी पैकेज दिया जाता है।
एक म्यूचुअल फंड कंपनी के सीईओ को तो पिछले साल 5 करोड़ रुपए तक का ऊंचा पैकेज दिया गया। वहीं औसतन एमएफ कंपनियों के चीफ एक्सक्युटिव का पैकेज एक से डेढ़ करोड़ रुपए बैठता है। सेबी का मानना है कि इस तरह की ऊंचे लागत ढांचे से विशेषरूप से छोटी म्यूचुअल फंड कंपनियों के लिए बाजार में टिके रह पाना मुश्किल होगा।