नई दिल्ली: विजय माल्या के नेतृत्व वाली यूबी समूह की कंपनियों की ओर से कर्ज भुगतान में चूक के बीच पूंजी बाजार नियामक सेबी ने जानबूझकर चूक करने वालों के लिए धन जुटाने पर पूरी तरह रोक लगाने की योजना बनाई है, जबकि पूंजी बाजारों में व्यापक सुधार के तौर पर स्टार्टअप के लिए धन जुटाने के मानदंड में ढील दी जा सकती है।
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एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रस्तावित पहलों पर सेबी का निदेशक मंडल कल चर्चा कर सकता है, जिसका लक्ष्य छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा के साथ-साथ पूंजी बाजार को गहरा बनाना है ताकि संस्थानों को नए उत्पाद और आयाम मुहैया कराए जा सकें। इसके अलावा सेबी वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर से पिछले महीने पेश किए गए आम बजट में घोषित विभिन्न पहलों पर चर्चा करेगा और इसे आगे बढ़ाएगा। सेबी के निदेशक मंडल और शीर्ष अधिकारियों को कल वित्त मंत्री संबोधित करेंगे।
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भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) अधिग्रहण नियम सख्त बनाने के लिए नियम स्पष्ट करेगी ताकि विलय एवं अधिग्रहण में नियंत्रण को परिभाषित किया जा सके। सेबी सूचकांक प्रदाताओं के लिए नए मानदंडों की नई श्रृंखला की घोषणा भी कर सकता है जिससे सेंसेक्स और निफ्टी समेत प्रमुख शेयर बाजार के घटकों के बदलाव का नियमन होगा। इसके अलावा निदेशक मंडल डिपॉजिटरी के जरिए विभिन्न नकदी लाभों के वितरण के संबंध में विभिन्न प्रस्तावों पर चर्चा करेगा।