नई दिल्ली। पीएसीएल मामले में निवेशकों के पैसे की वसूली के अपने प्रयासों के तहत भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कंपनी के तीन लग्जरी वाहनों की नीलामी करने का फैसला किया है। इससे पहले नियामक ने जुलाई में कंपनी के 28 वाहनों की नीलामी करने का निर्देश दिया था। पीएसीएल ने कृषि और रियल एस्टेट कारोबार के नाम पर जनता से धन जुटाया था। सेबी ने अपनी जांच में पाया कि कंपनी ने 18 साल की अवधि के दौरान गैर-कानूनी सामूहिक निवेश योजनाओं के जरिये करोड़ों रुपये की राशि जुटाई है।
उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद सेबी ने एक उच्च स्तरीय समिति गठित की थी। इसके पीछे मकसद यह सुनिश्चित करना था कि पीएसीएल की कुर्क की गई संपत्तियों की बिक्री बाद सही निवेशकों को उनका धन लौटाया जा सके। भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश आर एम लोढ़ा की अगुवाई वाली समिति संपत्तियों की बिक्री और उससे प्राप्त होने वाली राशि सही निवेशकों को लौटाने की प्रक्रिया की निगरानी कर रही है।
सेबी ने सोमवार को जारी नोटिस में कहा कि पीएसीएल की समिति ने कंपनी के तीन वाहनों की नीलामी करने का फैसला किया है। इन वाहनों में लैंड रोवर फ्रीलैंडर, बीएमडब्ल्यू एक्स 5 और रेंज रोवर इवोक शामिल हैं।
इससे पहले दिसंबर, 2015 में सेबी ने पीएसीएल और उसके नौ प्रवर्तकों और निदेशकों की सभी संपत्तियां कुर्क करने का निर्देश दिया था। कंपनी और उसके प्रवर्तक निवेशकों का बकाया 60,000 करोड़ रुपए लौटाने में विफल रहे थे। इस तरह के मामलों में यह सबसे बड़ी राशि है। पीएसीएल ने करीब पांच करोड़ निवेशकों से 49,100 करोड़ रुपए जुटाए थे। रिटर्न, ब्याज भुगतान तथा अन्य शुल्कों के बाद यह राशि 60,000 करोड़ रुपए पर पहुंच गई।