मुंबई। दालों की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने वायदा बाजारों में चने के नए अनुबंधों पर रोक लगा दी है। इसके, साथ ही निवेशकों से कहा गया है कि वे अपने मौजूदा अनुबंधों का निपटान करें। दलहन की श्रेणी में अभी कमोडिटी वायदा बाजारों में सिर्फ चने में ही वायदा कारोबार की अनुमति है।
सरकार दालों की कीमतों पर लगाम के लिए कई स्तरों पर प्रयास कर रही है। दालों के दाम 200 रुपए किलो की उंचाई पर पहुंच गए हैं। ऐसे में नियामक सेबी ने दालों की कीमतों में किसी सटोरिया गतिविधि पर अंकुश के लिए चना वायदा के नए अनुबंध शुरू करने पर रोक लगा दी है। साथ ही मौजूदा अनुबंधों में नए सौदे करने पर भी रोक लगाई गई है। चने के दाम पिछले एक साल में 24 प्रतिशत बढ़कर 94 रुपए किलो पर पहुंच गए हैं। सरकार ने हालांकि, अपनी एजेंसियों को चना दाल की बिक्री 60 रुपए किलो पर करने का निर्देश दिया है।
एक विग्यप्ति में सेबी ने कहा कि यह फैसला मांग और आपूर्ति के अंतर को देखते हुए लिया गया है। चने की कीमतों के रूख से यह पता चलता है। सेबी ने जिंस डेरिवेटिव्स एक्सचेंजों को निर्देश दिया है कि वे अगले आदेश तक कोई नया चना अनुबंध शुरू नहीं करें। वहीं मौजूदा अनुबंधों में नया सौदा नहीं किया जा सकता है। सिर्फ अपनी स्थिति को बराबर करने के लिए सौदे किए जा सकते हैं। सेबी ने कहा कि ये नए निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। प्रमुख जिंस एक्सचेंज एनसीडीईएक्स ने अलग से जारी सर्कुलर में कहा, सेबी के निर्देशानुसार अगले आदेश तक चने का कोई नया अनुबंध नहीं किया जाएगा। मौजूदा अनुबंधों में भी कोई नया सौदा नहीं किया जाएगा केवल पहले से किए गए सौदों को निपटाने की ही अनुमति होगी।