नई दिल्ली। कंपनियों की प्रमुख वित्तीय जानकारी वॉट्सएप के माध्यम से लीक होने के मामले में बाजार नियामक सेबी और शेयर बाजारों ने दो दर्जन से अधिक शेयरों के व्यापार विवरण (ट्रेड डिटेल्स) की जांच शुरू की है। इसके अतिरिक्त नियामक जानकारियों के कथित वितरण में शामिल व्यक्तियों के कॉल डेटा रिकॉर्ड मांगने पर भी विचार कर रहा है।
अधिकारियों ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि इन कंपनियों में कई प्रतिष्ठित सूचीबद्ध कंपनियां भी शामिल हैं। उन्होंने आगे कहा कि शेयर बाजार मानदंडों के संभावित उल्लंघनों का पता लगाने के लिए इन कंपनियों के पिछले 12 महीने के व्यापार विवरण का विश्लेषण कर रहा है। जबकि इसी समय सेबी डेटा वेयरहाउस (विभिन्न स्त्रोतों द्वारा जमा किए गए आंकड़ों का विशाल संग्रह) और अपनी खुफिया प्रणाली कि मदद ले रहा है।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियमों के मुताबिक, सूचीबद्ध कंपनियों की सारी वित्तीय जानकारी केवल शेयर बाजारों के माध्यम से सार्वजनिक होनी चाहिए क्योंकि इनका कंपनी के शेयर मूल्य पर असर पड़ता है। इसके अतिरिक्त, सेबी सूचीबद्ध कंपनियों की प्रमुख वित्तीय जानकारी के सोशल मीडिया समूहों पर कथित वितरण में शामिल लोगों की कॉल डेटा रिकॉर्ड (सीडीआर) मांगने पर विचार कर रहा है। उल्लेखनीय है कि बाजार नियामक के पास दूरसंचार कंपनियों से संचार की सटीक सामग्री को छोड़कर सीडीआर मांगने का अधिकार है।