नई दिल्ली। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने मॉर्गन क्रेडिट के लेन-देन के बारे में खुलासा नहीं करने को लेकर येस बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) राणा कपूर पर एक करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। सेबी ने एक आदेश में कहा कि येस बैंक के निदेशक मंडल को लेनदेन के बारे में खुलासा नहीं करके कपूर ने खुद के और संबद्ध पक्षों के बीच एक अपारदर्शी परत बनाई।
मॉर्गन क्रेडिट्स, जो कि येस बैंक की एक गैर-प्रवर्तक इकाई थी, ने अप्रैल 2018 में अनलिमिटेड जीरो कूपन नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर के माध्यम से रिलायंस म्यूचुअल फंड (अब निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड) से 950 करोड़ रुपए जुटाये। कपूर, जो येस बैंक के प्रमोटर भी थे, ने एक ट्रस्ट डीड के माध्यम से लेन-देन के संबंध में मॉर्गन और माइलस्टोन ट्रस्टीशिप सर्विसेज के साथ एक गारंटर के रूप में समझौता किया। सेबी ने कहा कि समझौते के गारंटर होने के कारण कपूर ने मॉर्गन के दायित्वों के लिए 410 करोड़ रुपए की व्यक्तिगत गारंटी प्रदान की है और कंपनी में अपने शेयरों के रूप में 820 करोड़ रुपए के बराबर बकाया राशि सुरक्षा के रूप में प्रदान किए हैं।
ईडी ने लंदन में 127 करोड़ रुपए का फ्लैट किया कुर्क
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने येस बैंक के सह-प्रवर्तक राणा कपूर का लंदन में 127 करोड़ रुपए मूल्य का फ्लैट कुर्क किया है। ईडी ने शुक्रवार को कहा कि कपूर और अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग जांच के सिलसिले में फ्लैट कुर्क किया गया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत 77 साउथ आडले स्ट्रीट स्थित अर्पाटमेंट-1 की कुर्की के लिए अस्थायी आदेश जारी किया है। ईडी ने एक बयान में कहा कि फ्लैट का बाजार मूल्य 1.35 करोड़ पौंड (करीब 127 करोड़ रुपए) है।
राणा कपूर ने 2017 में डीओआईटी क्रिएशंस जर्सी लि. के नाम पर 99 लाख पौंड (करीब 93 करोड़ रुपए) में यह फ्लैट खरीदा था। वह खुद फ्लैट के मालिक हैं। जांच एजेंसी के अनुसार उसे भरोसेमंद सूत्र से यह जानकारी मिली थी कि कपूर लंदन के फ्लैट को बेचना चाहते हैं और उन्होंने एक प्रतिष्ठित संपत्ति परामर्शदाता को इसके लिए नियुक्त किया था। ईडी के अनुसार, दूसरे स्रोतों से पूछताछ से पता चला कि संपत्ति कई वेबससाइट पर बिक्री के लिए रखी गई थी।
प्रक्रिया के तहत एजेंसी कुर्की आदेश के क्रियान्वयन को लेकर अब ब्रिटेन की समकक्ष जांच इकाई से संपर्क करेगी और ऐलान करेगी कि संपत्ति खरीदी या बेची नहीं जा सकती क्योंकि इसे पीएमएलए की आपराधिक धाराओं के तहत जब्त किया गया है। इससे पहले, ईडी पीएमएलए के तहत अन्य जांच मामलों में अमेरिका, दुबई और ऑस्ट्रेलिया में इसी तरीके से संपत्ति कुर्क कर चुकी है।