नई दिल्ली। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने आदित्य बिड़ला ग्रुप की कंपनी आइडिया सेल्यूलर से वोडाफोन की भारतीय इकाई में स्वयं के प्रस्तावित विलय पर स्पष्टीकरण मांगा है। इससे पहले पिछले महीने दोनों कंपनियों ने इस प्रस्तावित विलय पर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग से इस संबंध में उसकी अनुमति के लिए संपर्क किया था।
विलय प्रस्ताव के अनुसार ब्रिटेन की वोडाफोन के पास नई कंपनी में 45.1 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी, जबकि आदित्य बिड़ला समूह की आइडिया के पास 26 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। इसमें कंपनी 4.9 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए 3,874 करोड़ रुपए का भुगतान करेगी। बची हुई 28.9 प्रतिशत हिस्सेदारी अन्य शेयरधारकों के पास रहेगी।
इससे पहले आइडिया ने सेबी से इस प्रस्तावित विलय के लिए अप्रैल में अनुमति मांगी थी। इस पर सेबी ने इस प्रस्तावित सौदे में शामिल मर्चेंट बैंकर से स्पष्टीकरण मांगा है। सेबी ने क्या स्पष्टीकरण मांगा है इस बारे में अभी कुछ निर्धारित नहीं किया जा सक है। इस संबंध में आइडिया को भेजे गए ई-मेल का जवाब भी नहीं मिला है।