नई दिल्ली। पूंजी बाजार नियामक सेबी की स्टार्टअप्स सूचीबद्धता प्लेटफॉर्म को अधिक आकर्षक बनाने के लिए अगले महीने तक नियमों में ढील देने की योजना है। इसका मकसद इस क्षेत्र को कोष जुटाने के लिए उपयोगी बनाने में मदद करना है। साथ ही उनके विदेशी निवेशकों सहित मौजूदा निवेशकों को आसानी से बाहर निकलने का मौका उपलब्ध कराना है।
चूंकि प्लेटफॉर्म अब तक एक भी स्टार्टअप को सूचीबद्धता के लिए आकर्षित करने में विफल रहा है, अत: सेबी ने इसे अधिक आकर्षक बनाने के लिए नियमन में बदलाव का फैसला किया है। सेबी को इस बारे में उद्योग तथा संबद्ध पक्षों से सुझाव मिले हैं, जिसके आधार पर बदलाव का निर्णय किया गया। सेबी निदेशक मंडल अगली बैठक में ताजा बदलाव पर चर्चा कर सकता है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन यूके सिन्हा ने हाल में बातचीत में कहा था कि नियमनों पर फिर से गौर किया जा रहा है। सिन्हा अमेरिका की यात्रा कर रहे हैं, जहां वह निवेशकों के साथ बैठक करेंगे और भारतीय अर्थव्यवस्था की आर्थिक वृद्धि के बारे में निवेशकों को बताएंगे। इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (आईटीपी) में सरल अनुपालन नियम तथा घोषणा नियमों के अगस्त 2015 में अधिसूचित होने के बाद से किसी स्टार्टअप का इस प्लेटफॉर्म में अभी सूचीबद्ध होना बाकी है। नियमों के तहत स्टार्टअप बीएसई तथा एनएसई जैसे शेयर बाजारों के अलग आईटीपी पर सूचीबद्ध हो सकते हैं।
सॉवरेन गोल्ड बांड के ऑनलाइन प्लेटफार्म के लिए बीएसई को रिजर्व बैंक की मंजूरी
एशिया के सबसे पुराने एक्सचेंज बंबई शेयर बाजार को सॉवरेन गोल्ड बांड (एसजीबी) योजना के लिए बोली लगाने को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म शुरू करने की मंजूरी मिल गई है। एसजीबी के तहत सोने के रूप में सरकारी प्रतिभूतियां होती हैं। यह सोने को भौतिक रूप में रखने के बदले उसका विकल्प उपलब्ध कराती है। ये बांड सरकार की तरफ से रिजर्व बैंक जारी करता है और रिजर्व बैंक द्वारा बताए गए दाम पर निवेशक इनके लिए आवेदन कर सकते हैं।
एक सर्कुलर में बंबई शेयर बाजार ने कहा कि उसे सॉवरेन गोल्ड बांड योजना के लिए प्राप्ति कार्यालय के रूप में काम करने को रिजर्व बैंक की मंजूरी मिल गई है। एक्सचेंज की एसजीबी निर्गम के लिए अपने सदस्यों और उनके ग्राहकों से बोली लेने के लिए ऑनलाइन बोली मंच उपलब्ध कराने की योजना है।