नयी दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की योजना शेयर और जिंस डेरिवेटिव्स में मार्जिन प्रणाली को तर्कसंगत बनाने की है। अधिकारियों का कहना है कि नियामक तरलता बढ़ाने और कारोबार की लागत को कम करने के मकसद से यह कदम उठाने जा रहा है। अधिकारियों ने कहा कि नियामक इस सप्ताह नयी मार्जिन प्रणाली ला सकता है।
सेबी की जोखिम प्रबंधन समीक्षा समिति की सिफारिशों के आधार पर इसकी रूपरेखा तैयार की गई है। बाजार की बोलचाल में मार्जिन से आशय उस न्यूनतम राशि या सुरक्षा राशि से होता है जो किसी निवेशक को शेयर बाजार में कारोबार शुरू करने से पहले शेयर ब्रोकर को देनी होती है। असल में यह उस राशि का हिस्सा है जो शेयर बाजार ब्रोकरेज से अग्रिम के रूप में लेते हैं।