नयी दिल्ली। किसी कंपनी के भेदिया कारोबार (Insider Trading/इनसाइडर ट्रेडिंग) के बारे में सूचना देने वालों को इनाम के रूप में बाजार नियामक सेबी से एक करोड़ रुपये तक मिल सकते हैं। इसके अलावा गोपनीयता बनाये रखने के साथ पूरी जानकारी साझा करने के लिये हॉटलाइन उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही जांच में सहयोग के बदले छोटी गड़बड़ियों के लिये माफी या उसका निपटान किया जाएगा। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भेदिया कारोबार निरोधक (पीआईटी) नियमन के तहत नई 'सूचना प्रणाली' के लिये विस्तृत नियम तैयार किया है। इस नियम को इसी महीने मंजूरी के लिये निदेशक मंडल के समक्ष रखा जाएगा।
इनको नहीं मिलेगा इनाम
हालांकि ये लाभ केवल लोगों और कंपनियों के लिये उपलब्ध होगा और आडिटर जैसे पेशेवरों को इसकी सुविधा नहीं मिलेगी। पेशेवरों को इसके दायरे से बाहर रखने का कारण यह है कि गड़बड़ी के बारे में जानकारी देने की जवाबदेही उन्हीं की है।
जानिए क्या है इनसाइडर ट्रेडिंग?
सेबी नियमन निवेशकों के हितों की रक्षा के लिये भेदिया कारोबार पर रोक लगाता है। इसमें भेदिया कारोबार वैसे मामले को कहा जाता हैं जहां कीमत से जुड़ी अप्रत्याशित संवेदनशील जानकारी अपने पास रखते हुए प्रतिभूतियों में कारोबार किया जाता है। अधिकारियों ने कहा कि सेबी के लिए यह जरूरी है कि भेदिया कारोबार का पता लगाने के लिये सभी कानूनी उपायों का उपयोग करे और निवेशकों के बीच भरोसा और बाजार की विश्वसनीयता बनाये रखने को लेकर यथाशीघ्र कार्रवाई करे।
इसलिए लिया ये फैसला
बाजार नियामक को भेदिया कारोबार मामलों की जांच करने के दौरान तारों को जोड़ने और साक्ष्य जुटाने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसके कारण ऐसे मामलों की जांच में लंबा समय लगता है। अपनी जांच और नियमों को लागू करने की व्यवस्था के तहत सेबी की वैसे लोगों को प्रोत्साहन देने की योजना है जिनके पास भेदिया कारोबार मामलों की जानकारी है और वे संबंधित जानकारी नियामक को देते हैं। इस बारे में संबंधित पक्षों की प्रतिक्रिया मिलने के बाद इसके लिये विस्तृत नियमन तैयार किया गया है। सेबी ने जून में इस बारे में परिचर्चा पत्र जारी किया था।
सेबी के पीआईटी नियमन में प्रस्तावित संशोधन के तहत सूचना देने वालों को स्वैच्छिक सूचना घोषणा फार्म (वीआईडीएफ) देने की जरूरत है। इसमें भेदिया कारोबार मामले से जुड़ी विश्वासनीय, पूरी और मूल सूचना देनी होगी। इसमें अप्रकाशित कीमत संवेदनशील जानकारी का आदान-प्रदान या नियमों का उल्लंघन कर कारोबार करना आदि शामिल हैं। इसमें सूचना के स्रोत के बारे में जानकारी देना अनिवार्य होगा और यह लिखित में देना होगा कि उसे संबंधित जानकारी सेबी या अन्य संबंधित नियामक में कार्यरत किसी व्यक्ति से नहीं मिली है।
ओआईपी ही सूचना देने वालों को पुरस्कृत करने के बारे में करेगा निर्णय
सेबी सूचना संरक्षण कार्यालय (ओआईपी) स्थापित करेगा जो जांच इकाई या अन्य विभागों से पूरी तरह अलग होगा। यह कार्यालय वीआईडीएफ प्राप्त करने और उसके प्रसंस्करण के लिये जिम्मेदार होगा। ओआईपी ही सूचना देने वालों को पुरस्कृत करने के बारे में निर्णय करेगा और सूचना देने वालों और सेबी के बीच मध्यस्थ होगा। वह सूचना देने वालों की मदद के लिये हॉटलाइन स्थापित करेगा। इस व्यवस्था के तहत सूचना देने वालों के लिये इनाम देने का प्रस्ताव किया गया है। इसके तहत अगर सेबी गलत तरीके से कमाये गये कम-से-कम एक करोड़ रुपये का पता लगाने में कामयाब होता है, तो सूचना देने वालों को इनाम दिया जाएगा। यह इनाम प्राप्त धन का 10 प्रतिशत और अधिकतम एक करोड़ रुपये होगा। इसके अलावा जांच में सहयोग के बदले छोटी गड़बड़ियों के लिये माफी या उसका निपटान करने का भी प्रस्ताव किया गया है।