Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. पी-नोट्स के लिए अब KYC होगा जरूरी, शेयर बाजार के रास्ते आने वाले काले धन पर लगेगी रोक

पी-नोट्स के लिए अब KYC होगा जरूरी, शेयर बाजार के रास्ते आने वाले काले धन पर लगेगी रोक

पी नोट्स (पार्टिसिपेटरी नोट्स) के लिए केवाईसी जरूरी हो जाएगा। 20 मई को बाजार के रेगुलेटर सेबी की बोर्ड बैठक है और उसी में इस पर फैसला हो सकता है।

Dharmender Chaudhary
Published on: May 13, 2016 13:27 IST
शेयर बाजार के रास्ते आने वाले काले धन पर लगेगी रोक, पी-नोट्स के लिए अब जरूरी होगा KYC- India TV Paisa
शेयर बाजार के रास्ते आने वाले काले धन पर लगेगी रोक, पी-नोट्स के लिए अब जरूरी होगा KYC

नई दिल्ली। पी नोट्स (पार्टिसिपेटरी नोट्स) के लिए केवाईसी (know your client) जरूरी हो जाएगा। 20 मई को बाजार के रेगुलेटर सेबी की बोर्ड बैठक है और उसी में इस पर फैसला हो सकता है। पी-नोट्स के जरिए अक्सर घरेलू शेयर बाजार में ब्लैक मनी के निवेश की बातें कहीं जाती है। इसीलिए ब्लैकमनी पर लगाम लगाने के लिए सरकार कई और बड़े फैसले लेने की तैयारी में है। गौरतलब है कि अभी पी-नोट्स के लिए केवाईसी जरूरी नहीं है, हालांकि एफआईआई ऐसा करते हैं।

विदेशी निवेशकों को एंटी मनी लॉन्ड्रिंग के नियम मानने होंगे

ब्लैकमनी के खिलाफ सरकार की इस जंग के तहत अब विदेशी निवेशकों को एंटी मनी लॉन्ड्रिंग के नियम मानने होंगे। काले धने पर बने एसआईटी के सुझाव पर केवाईसी का ये नियम लागू किया जा रहा है। अब पी-नोट्स के ट्रांसफर के मामले में भी केवाईसी जरूरी होगा और विदेशी निवेशकों को ट्रांसफर की पूरी डिटेल रखनी होगी। अगर पी-नोट्स में किसी निवेशक का 25 फीसदी हिस्सा है तो उसका भी केवाईसी जरूरी होगा। यही नहीं पी-नोट्स में ट्रस्ट, पार्टनर फर्म का हिस्सा 15 फीसदी होने पर भी केवाईसी होगा। भारत ने टैक्स चोरी रोकने के लिए मॉरिशस से किए टैक्स करार के बाद अब सेबी ब्लैक मनी पर लगाम लगाने के लिए कई फैसले 20 मई की बैठक में ले सकती है।

क्या होता है पी-नोटस

पार्टिसिपेटरी नोट यानी (पी-नोट) एक तरह का ऑफशोर डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट होता है। जो इन्वेस्टर्स सेबी के पास रजिस्ट्रेशन कराए बगैर इंडियन सिक्यॉरिटीज में पैसा लगाना चाहते हैं, वे इनका इस्तेमाल करते हैं। विदेशी इन्वेस्टर्स को पी-नोट्स सेबी के पास रजिस्टर्ड फॉरन ब्रोकरेज फर्म्स या डोमेस्टिक ब्रोकरेज फर्म्स की विदेशी यूनिट्स जारी करती हैं। ब्रोकर इंडियन सिक्यॉरिटीज (शेयर, डेट या डेरिवेटिव्स) में खरीदारी करते हैं और फीस लेकर उन पर क्लाइंट को पी-नोट्स इश्यू करते हैं।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement