नई दिल्ली। बाजार नियामक सेबी ने शुक्रवार को बॉयोकान लिमिटेड की एक कर्मचारी पर कंपनी के शेयर बेचते समय भेदिया कारोबार नियमों के उल्लंघन को लेकर जुर्माना लगाया। कर्मचारी वंदना सिंह जांच के समय कंपनी में नियामकीय मामलों की महाप्रबंधक थी। उन पर भेदिया कारोबार निरोधक (पीआईटी) नियम के प्रावधानों के उल्लंघन को लेकर 3 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की जांच में पाया गया कि वंदना सिंह के पास कंपनी के 9,550 शेयर थे। उन्होंने ये शेयर कर्मचारी शेयर विकल्प योजना (ईसॉप) के जरिये प्राप्त किए थे। उन्होंने मई 2018 से सितंबर 2018 के दौरान अनुपालन अधिकारी की मंजूरी के बिना 3,550 शेयर बेचे। सेबी के अनुसार बॉयोकान के अनुपालन अधिकारी से मंजूरी लिए बिना शेयर बेचकर कर्मचारी ने भेदिया कारोबार निरोधक नियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया। इसके अलावा उन्होंने जरूरी घोषणा करने में भी देरी की।
पीआईटी नियमों के तहत किसी भी कंपनी के प्रत्येक प्रवर्तक, कर्मचारी और निदेशक को खरीदे या बेचे गए शेयरों के बारे में दो कारोबारी दिवस के भीतर खुलासा करना होता है। यह नियम एक निश्चित सीमा से अधिक मूल्य के प्रतिभूतियों के बेचने या खरीदने पर लागू होता है।
सेबी ने कल्पबट रीयल एस्टेट, निदेशकों पर लगाया 1.05 करोड़ रुपए का जुर्माना
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अवैध तरीके से धन जुटाने के लिए कल्पबट रीयल एस्टेट लिमिटेड और उसके निदेशकों पर 1.05 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। बाजार नियामक सेबी ने यह जुर्माना कंपनी और निदेशकों के अवैध सामूहिक योजना के माध्यम से 31 मार्च 2013 को 15.65 करोड़ रुपए जुटाने पर लगाया है।
कंपनी ने विभिन्न योजनाओं के तहत 2,338 निवेशकों से यह राशि जुटाई थी। सेबी ने कंपनी को जुलाई 2014 में अवैध रूप से जुटाई गई 15 करोड़ रुपए से अधिक की राशि निवेशकों को 15 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित लौटाने का आदेश दिया था। इसके अलावा कंपनी और उसके निदेशकों पर चार साल तक शेयर बाजार में काम करने पर रोक लगा दी गई। सेबी ने आदेश में कहा कि उसने कंपनी और निदेशकों को सेबी अधिनियम और धोखाधड़ी एवं अनुचित व्यापार गतिविधियों की रोकथाम नियमों (पीएफयूटीपी) के उल्लंघन का दोषी पाया। इसके लिए सेबी ने कंपनी और उसके निदेशकों पर 1.05 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। सेबी के नियमानुसार इस तरह सामूहिक तौर पर धन जुटाने के लिए उसकी अनुमति लेना अनिवार्य है।