नई दिल्ली। बाजार नियामक सेबी ने एनएसईएल घोटाले में ब्रोकरों सहित कम से कम 20 इकाइयों को नोटिस जारी किए हैं। इन इकाइयों पर इस मामले में अनियमित गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप है। सूत्रों ने कहा कि नियामक इन इकाइयों के खिलाफ अंतिम आदेश किसी भी समय पारित कर सकता है। इनमें से अनेक इकाइयां कथित तौर पर एक ही ब्रोकर से जुड़ी हुई हैं। गौरतलब है कि फिलहाल बंद पड़े नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड एनएसईएल में अनियमितताओं की जांच सेबी सहित अनेक एजेंसियां कर रही हैं।
सेबी ने इसी महीने अपने बोर्ड को बताया कि इस घोटाले में जिन ब्रोकरों के खिलाफ आरोप लगे हैं उनके खिलाफ उसने क्या कार्रवाई की है।
सूत्रों के अनुसार सेबी ने इससे पहले पांच ब्रोकरों को नोटिस जारी किए थे और उक्त ब्रोकरों की भूमिका को लेकर अपने निष्कर्षों के बारे में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा, राजस्व विभाग, उपभोक्ता मामलात मंत्रालय, प्रवर्तन निदेशालय व आरबीआई को सूचित किया है।
ईडी ने 135 करोड़ रुपए के म्युचुअल फंड कुर्क किए
- प्रवर्तन निदेशालय ने एनएसईएल घोटाला मामले में अपनी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत 135 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्ति कुर्क की।
- यह संपत्ति म्युचुअल फंडों के रूप में है।
- निदेशालय के क्षेत्रीय कार्यालय ने मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून पीएमएलए के तहत फिनांशल टेक्नोलॉजी लिमिटेड के खिलाफ अस्थाई आदेश जारी किए हैं।
- फिनांशल टेक्नोलॉजी लिमिटेड को एमएस 63 मूंस टेक्नोलाजी के नाम से भी जाना जाता है।
- निदेशालय ने कहा है- एमएस 63 मूंस टेक्नोलोजी लिमिटेड के कब्जे वाले 135 करोड़ रुपए मूल्य के बांड कुर्क किए जाते हैं।
- इस फर्म के खिलाफ कुल कुर्की आदेश 1253 करोड़ रुपए है।