नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) ने पीएसीएल समूह की संपत्तियों के लिए उन इच्छुक इकाइयों से प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं जो अधिक मूल्य की पेशकश कर सकती हैं। नियामक ने कंपनी की योजना से अलग इन संपत्तियों से बोलियां मांगी हैं। सेबी ने बयान में कहा है कि पीएसीएल द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर इच्छुक इकाइयों से 21 जून तक आर एम लोढ़ा समिति के समक्ष जवाबी प्रस्ताव देने को कहा गया है। सेबी कुल 60,000 करोड़ रुपए की वसूली के लिए यह कदम उठा रहा है।
पीएसीएल को पर्ल समूह के रूप में भी जाना जाता है। समूह ने जनता से कृषि और रियल एस्टेट कारोबार के नाम पर धन जुटाया था। कंपनी ने यह राशि निवेशकों से 18 साल में गैरकानूनी सामूहिक निवेश योजनाओं के जरिये जुटाई थी।
भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश आर एम लोढ़ा की अगुवाई वाली समिति संपत्तियों की बिक्री कर निवेशकों का पैसा लौटाने का काम देख रही है। इसके लिए निवेशक सही है या नहीं इसका पता लगाया जा रहा है। सेबी ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था। पीएसीएल ने पिछले महीने समिति के समक्ष दो साल में 15,000 करोड़ रुपए की वसूली का प्रस्ताव दिया है।
प्रस्ताव के तहत कंपनी ने अपनी कम से कम 15,000 करोड़ रुपए की संपत्तियों के लिए खरीदार लाने की पेशकश की है। कंपनी ने पहले साल 7,500 करोड़ रुपए और दूसरे साल भी इतनी ही राशि की संपत्ति के लिए खरीदार लाने का प्रस्ताव किया है।