नई दिल्ली। बाजार नियामक सेबी ने आज टाटा स्टील पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना ग्रुप कंपनी टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाए जाने के संबंध में आवश्यक जानकारी सार्वजनिक करने मे की गई देरी के कारण लगाया गया है।
टाटा स्टील की टिनप्लेट में 75 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जो कि शेयर बाजार में अलग से लिस्टेड ग्रुप कंपनी है। यह देश की बड़ी टिनप्लेट उत्पादक कंपनियों में से एक है। इसके उत्पादों का इस्तेमाल प्रोसेस्ड फूड, पेंट्स, बेवरेजेस, डेयरी और अन्य उत्पादों के केन बनाने और पैकिंग में किया जाता है।
सेबी ने गुरुवार को दिए अपने आदेश में कहा है कि टिनप्लेट ने सितंबर 2009 में अपने मौजूदा शेयरधारकों को राइट आधार पर 4,31,90,851 इक्विटी शेयर जारी करने की घोषणा की थी। इसके साथ ही कंपनी ने प्रत्येक 8 इक्विटी शेयर के लिए 5 पूर्ण कंवर्टिबल डिबेंचर के अनुपात में 1,79,96,188 पूर्ण कंवर्टिबल डिबेंचर्स को जारी किया था।
यह पाया गया कि राइट इश्यू के मामले में राइट एंटाइटलमेंट के हिस्से के रूप में टाटा स्टील को 1,33,12,500 इक्विटी शेयर और 55,46,875 पूर्ण कंवर्टिबल डिबेंचर्स जारी किए गए। 12 अक्टूबर 2009 को टिनप्लेट ने टाटा स्टील को 2,19,86,099 इक्विटी शेयर जारी किए। इससे टाटा स्टील की टिनप्लेट में हिस्सेदारी 30.82 प्रतिशत से बढ़कर 42.88 प्रतिशत हो गई। इस वृद्धि के मद्देनजर टाटा स्टील को सेबी अधिनियम के मुताबिक दो कार्यदिवस के भीतर आवश्यक जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए थी। हालांकि यह आरोप है कि टाटा स्टील ने इस जानकारी का खुलासा जानबूझकर देरी से 2 जुलाई 2012 को किया।