नई दिल्ली। बाजार नियामक सेबी ने अब तक 567 अभियोग मामले उनके खिलाफ दर्ज कराए हैं जिन्होंने अवैध निवेश योजनाओं के माध्यम से लोगों से धन जुटाया। इन संस्थानों ने बड़े रिटर्न के वादे के साथ फर्जी निवेश योजनाओं से कोष जुटाया है। सेबी ने बड़ी संख्या में अवैध सामूहिक निवेश योजनाओं (सीआईएस) पर अपना शिकंजा कड़ा किया है जिसमें शारदा, एमपीएस, सुमनगल, एमपीएस ग्रीनरी डेवलपर्स, साई प्रसाद, एचबीएन, एल्केमिस्ट इंफ्रा, रोज वैली समूह और पीएसीएल शामिल हैं।
भारतीय प्रतिभूति एवं नियामक बोर्ड के अद्यतन आकड़ों के मुताबिक उसने 31 जुलाई 2016 तक सीआईएस नियमों का उल्लंघन करने के मामले में 567 अभियोग मामले दर्ज कराए हैं। इन प्रक्रियाओं के तहत इन संस्थाओं के बैंक और डीमैट खातों की कुर्की, चल-अचल संपत्ति की कुर्की इत्यादि शामिल है।
ग्राहक पंजीकरण दस्तावेज जल्द 15 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होंगे
निवेशकों के बीच जागरूकता के प्रसार के लिए सेबी ने कहा कि अब ग्राहक पंजीकरण दस्तावेज 15 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराया जाएगा। इस कदम का मकसद ग्राहकों को उनके अधिकारों और प्रतिबद्धताओं के बारे में बताना है। नियामक ने कहा कि इससे ग्राहकों द्वारा खाता खोलने की प्रक्रिया में दस्तखत किए गए दस्तावेजों में समानता आएगी। साथ ही इससे ग्राहकों और स्टॉक ब्रोकरों के बीच सौदे में अनुशासन और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकेगी। निवेशकों के हित में सेबी ने ये दस्तावेज विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध कराने का फैसला किया है।