नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) तथा शेयर बाजारों ने ब्रेक्जिट पर जनमत संग्रह के मद्देनजर अत्यधिक उतार-चढ़ाव की किसी स्थिति से निपटने के लिए अपनी निगरानी प्रणाली को मजबूत किया है। निवेशक इस जनमत संग्रह के नतीजों का बेचैनी से इंतजार कर रहे हैं।
जनमत संग्रह से पहले कारोबार में शेयरों तथा रुपए में भारी गिरावट देखी गई। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स एक समय 200 अंक तक नीचे चला गया था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि घरेलू पूंजी बाजार में मजबूत निगरानी तथा जोखिम प्रबंधन ढांचा है। ब्रेक्जिट जनमत संग्रह से पैदा होने वाली किसी स्थिति से निपटने को इसे और मजबूत किया गया है।
पूंजी बाजार को किसी प्रतिकूल स्थिति से बचाने के लिए सभी कदम उठाए गए हैं। इसके अलावा यह भी सुनिश्चित किया गया है कि अत्यधिक उतार-चढ़ाव को नियंत्रण में रखा जा सके। ब्रिटेन कल इस बात के लिए मतदान करेगा कि उसे 28 राष्ट्रों के यूरोपीय संघ के साथ जुड़े रहना है या बाहर जाना है। ब्रिटेन के इस ब्लॉक से निकलने को ब्रेक्जिट कहा जा रहा है। वैश्विक स्तर पर इसको लेकर काफी बहस छिड़ी है क्योंकि इस तरह के घटनाक्रम का अंतरराष्ट्रीय वित्तीय बाजारों, विनिमय दरों तथा कुल मिलाकर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर होगा। ऐसी भी आशंका जताई जा रही है कि ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने पर भारत सहित अन्य बाजारों से पूंजी की निकासी होगी।
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