नई दिल्ली। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपने कर्मचारियों को अतिरिक्त सुविधाएं देने की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए छुट्टियों के दौरान उनके लिए देशभर में पर्यटक स्थलों के आसपास होटल या रिसॉर्ट में ठहरने की व्यवस्था उपलब्ध कराने की पहल की है। इससे पहले सेबी ने अक्टूबर 2019 में जिम प्रशिक्षक मुहैया कराने तथा कार्यालयों में फूलों की आपूर्ति एवं सजावट के लिए कंपनियों से बोलियां मंगाई थी।
सेबी ने अब अपने कर्मचारियों के लिए होलीडे होम (छुट्टियों के दौरान ठहरने की व्यवस्था) के लिए देश के पर्यटक स्थलों में होटल या रिसॉर्ट का परिचालन करने वाली प्रतिष्ठित कंपनियों से बोलियां आमंत्रित की हैं। सेबी ने पात्रता शर्तों को स्पष्ट करते हुए कहा है कि बोली लगाने वाली कंपनी के पास आतिथ्य-सत्कार कारोबार में कम-से-कम तीन साल का अनुभव होना चाहिए।
ऐसी कंपनी के लिए सेबी ने यह शर्त भी रखी है कि देशभर के 24 स्थानों में से कम से कम 10 स्थानों पर उसके रिसॉर्ट अथवा होटल होने चाहिए, जिनमें सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हों। इन स्थानों में श्रीनगर, मसूरी, अमृतसर, दिल्ली, मुंबई, ऊटी, गोवा, गंगटोक, दार्जिलिंग, लोनावाला, मैसूर, हैदराबाद, भुवनेश्वर, कोलकाता और पुणे शामिल हैं।
होटल या रिसॉर्ट पर्यटन स्थलों के नजदीक होने चाहिए तथा इनमें रेस्तरां, फिटनेस केंद्र, लौंड्री और रूम सर्विस समेत अन्य आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए। इनडोर गेम, स्विमिंग पूल और हेल्थ क्लब आदि जैसी सुविधाओं वाली कंपनियों को प्राथमिकता मिलेगी। सेबी ने बोली लगाने की समय-सीमा 17 जनवरी 2020 तय की है। सेबी ने कहा है कि उसके कर्मचारियों के लिए पूरे साल में कभी भी इन होटलों अथवा रिसॉर्ट में ठहरने की व्यवस्था उपलब्ध होनी चाहिए।
सेबी ने इसके साथ ही 2015 में अपनी महिला कर्मचारियों के लिए संस्थान में पांच साल की सेवा पूरी होने के बाद किसी तरह की कठिनाई की स्थिति में दो साल तक की विशेष विपत्ति अवकाश की भी घोषणा की थी। मातृत्व अवकाश के तौर पर भी महिलाएं इस अवकाश का लाभ उठा सकतीं हैं। हालांकि, इसके लिए पांच साल की सेवा पूरा होना आवश्यक नहीं है। संस्थान ने 2013 में अपने कर्मचारियों के लिए पितृत्व अवकाश की भी शुरुआत की है।