नई दिल्ली। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने सूचीबद्ध कंपनियों की तरफ से ऑडिट समिति एवं शेयरधारकों के समक्ष संबद्ध पक्ष लेनदेन (आरपीटी) के बारे में दी जाने वाली जानकारियों का मसौदा जारी किया है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपने एक परिपत्र में कहा है कि एक सूचीबद्ध कंपनी को यह साबित करना होगा कि कोई लेनदेन किस तरह से उसके हित में रहा है। इसके अलावा उसे मूल्यांकन की एक प्रतिलिपि या दूसरे बाहरी पक्ष की रिपोर्ट मंजूरी के लिए ऑडिट समिति या शेयरधारकों के सामने रखनी होगी। इसके साथ ही सूचीबद्ध कंपनी को प्रस्तावित लेनदेन की कीमत के संबंध में दूसरे पक्ष के वार्षिक एकीकृत कारोबार के प्रतिशत के बारे में भी ऑडिट समिति को सूचना देनी होगी।
सेबी के ये प्रावधान उन कंपनियों पर लागू होंगे जो मान्यता प्राप्त शेयर बाजार में सूचीबद्ध हैं। उन्हें आरपीटी संबंधी खुलासे हरेक छह महीने पर देने होंगे। नया खुलासा प्रारूप एक अप्रैल, 2022 से लागू हो जाएगा। सेबी ने अपने परिपत्र में कहा है कि किसी प्रस्तावित आरपीटी की अनुमति के लिए ऑडिट समिति को दी जाने वाली सूचना में खुलासे का प्रकार, संदर्भ और उसका ब्योरा देना होगा। इसके अलावा सूचीबद्ध कंपनी को लेनदेन की अवधि एवं उसके मूल्य के बारे में भी बताना होगा। सेबी ने कहा, ‘‘ऑडिट समिति एक साल से अधिक समय वाले आरपीटी की मौजूदा स्थिति की भी सालाना आधार पर समीक्षा करेगी।’’