नई दिल्ली। बाजार नियामक सेबी ने PACL और उसके प्रवर्तकों के हितों से जुड़ी किसी भी संपत्ति से सौदा करने को लेकर लोगों को आगाह किया है। नियामक निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए कंपनी और उसके प्रवर्तकों से 60,000 करोड़ रुपए की वसूली में जुटा है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने यह भी कहा है कि जो कोई भी इस प्रकार की संपत्ति का सौदा करेगा, वह अपने जोखिम, लागत एवं उसके परिणाम पर करेगा। उच्चतम न्यायालय ने हाल में अपने आदेश में पीएसीएल तथा उसके प्रवर्तकों एवं अन्य को देश एवं देश से बाहर उनकी संपत्ति बेचने से मना किया है। उस आदेश के बाद सेबी ने यह कदम उठाया है।
सेबी ने पाया कि पीएसीएल ने कृषि एवं रीयल एस्टेट कारोबार के नाम पर लोगों से जो धन जुटाए, वह अवैध सामूहिक निवेश योजनाओं के जरिए जुटाए गए थे। कंपनी 18 साल से इस तरीके से लोगों से धन जुटा रही थी। अब नियामक मामले में निवेशकों को पैसा लौटाने के लिए करीब 60,000 करोड़ रुपए की वसूली में लगा है। एक विज्ञप्ति में सेबी ने लोगों को पीएसील लि. और उसके निदेशकों (प्रवर्तकों) एजेंट, कर्मचारी समूह या एसोसिएट कंपनियों से प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से संबंधित किसी भी संपत्ति का सौदा करने से मना किया।
बाजार नियामक ने पीएसीएल समूह की कुर्क संपत्ति की बिक्री प्रक्रिया शुरू की है। कंपनी के निवेशकों का 60,000 करोड़ रुपए लौटाने में विफल रहने के कारण पिछले वर्ष दिसंबर में सेबी ने पीएसीएल तथा उसके नौ प्रवर्तकों तथा निदेशकों की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया था। अनुमान है कि पीएसीएल ने पांच करोड़ निवेशकों से 49,100 करोड़ रुपए जुटाए है जिसे उसे वादा किए गए ब्याज तथा अन्य शुल्क के साथ लौटाना है।
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