नई दिल्ली। पूंजी बाजार नियामक सेबी के निदेशक मंडल की कल बैठक होगी, जिसमें बाजार में किए जाने वाले सुधारों को आगे बढ़ाने पर विचार किया जाएगा।
बैठक में पी नोट, सामूहिक निवेश योजना और एनएसई तथा एनएसईएल से जुड़े मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया जा सकता है। इसके अलावा डिबेंचर ट्रस्टी नियमों में संशोधन पर भी चर्चा होगी।
बैठक से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली भी सेबी बोर्ड की बैठक को संबोधित करेंगे और इस दौरान आम बजट में पूंजी बाजार और समूची अर्थव्यवस्था से संबंधित उपायों के बारे में बताएंगे।
- सूत्रों के अनुसार डिबेंचर ट्रस्टी नियमनों में बदलाव के बारे में सेबी बोर्ड एक सार्वजनिक परिचर्चा प्रक्रिया शुरू करने के बारे में निर्णय ले सकता है।
- इस बदलाव में यदि किसी कंपनी के जारी डिबेंचर पर सरकार की तरफ से गारंटी दी जाती है तो ऐसी इकाई को एक ट्रस्टी के तौर पर काम करने से नहीं रोका जाएगा।
- सेबी ने अन्य विभिन्न प्रकार के बदलावों में सेबी प्रधान अधिकारी की परिभाषा में भी बदलाव का प्रस्ताव कर रहा है।
- यह अधिकारी डिबेंचर ट्रस्टी गतिविधियों पर नजर रखता है।
- इसमें प्रबंधन से जुड़े लोगों को भी शामिल किया जा सकता है, जो कि सीईओ, प्रबंध निदेशक, कंपनी सचिव, पूर्णकालिक निदेशक, सीएफओ और ऐसे ही अन्य अधिकारी भी हो सकते हैं।
- सेबी बोर्ड नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में कथित अनुचित तरीके से पहुंच के मुद्दे को भी उठा सकता है।
- इसमें सामूहिक निवेश योजना और पार्टिसिपेटरी नोट्स के मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है।