मुंबई। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के निदेशक मंडल की बुधवार को बैठक होगी, जिसमें विवादास्पद पी-नोट्स के जरिये शेयर बाजारों में काले धन के प्रवाह पर अंकुश के कड़े उपायों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इसके अलावा इस बैठक में ई-वॉलेट के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश की अनुमति के लिए उठाये जाने वाले कदमों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है।
सूत्रों ने कहा कि नियामक जिंस डेरिवेटिव बाजार में विकल्प कारोबार की अनुमति को नए नियमों पर भी विचार करेगा। समझा जाता है कि बोर्ड की बैठक में विदेशी निवेशकों के लिए पंजीकरण के नियम सरल करने पर भी विचार होगा। साथ ही ब्रोकरों के लिए साझा लाइसेंस की अनुमति दी जा सकती है, जिससे वे शेयरों और जिंसों दोनों में कारोबार कर सकते हैं।
सेबी निदेशक मंडल की बुधवार को यहां बैठक होगी। यह सेबी के नए चेयरमैन अजय त्यागी की अध्यक्षता में पहली बैठक होगी। त्यागी ने एक मार्च को सेबी चेयरमैन का पद संभाला था। सुधार उपायों के तहत सेबी निदेशक मंडल बैंकों और वित्तीय संस्थानों को उन कंपनियों के शेयर प्राप्त करने के नियमों को सरल कर सकता है, जिन्हें उन्होंने ऋण दिया हुआ है। इसके लिए ऋण को शेयर में बदला जाएगा। यह डूबे कर्ज की समस्या से निपटने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। सेबी का निदेशक मंडल कुछ बड़ी कंपनियों की लंबित जांच और मामलों पर भी चर्चा करेगा।
इंटेलेक्ट डिजाइन को 200 करोड़ रुपए के राइट इश्यू के लिए मिली मंजूरी
वित्त प्रौद्योगिकी कंपनी इंटेलेक्ट डिजाइन एरिना को राइट इश्यू के जरिये 200 करोड़ रुपए जुटाने को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की मंजूरी मिल गई है। कंपनी ने इसके लिए नियामक के पास जनवरी में विवरण का मसौदा जमा कराया था। इस बारे में कंपनी को 13 अप्रैल को सेबी से निष्कर्ष मिल गया है।
सार्वजनिक निर्गम के लिए यह एक अनिवार्य शर्त है। राइट इश्यू के मौजूदा शेयरधारकों को उनकी हिस्सेदारी के अनुरूप पहले से तय मूल्य और अनुपात में शेयर जारी किए जाते हैं। कंपनी इश्यू से मिलने वाली राशि का इस्तेमाल नए उत्पादों के विकास या उन्नयन, ऋण के भुगतान और सामान्य कंपनी कामकाज के लिए करेगी।