नयी दिल्ली। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने शुक्रवार को विभिन्न बाजार नियमों का उल्लंघन करने को लेकर 20 कंपनियों को 3.3 करोड़ रुपये लौटाने को कहा है। सेबी के इस आदेश में कहा गया है कि यह राशि कंपनियों द्वारा संयुक्त रूप से अथवा अलग-अलग देना होगा। सेबी का यह आदेश उसके द्वारा सितंबर, 2011 से लेकर सितंबर, 2012 के बीच की गई जांच के बाद जारी किया है। सेबी ने जांच में पाया कि -- बीजे इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंसियल कंसल्टेंट्स, सुधीर जैन और एवरसाइट ट्रेडकॉम -- जिन्हें पहले प्रतिभूति बाजार में कारोबार करने से रोका गया था, वह बाजार में कारोबार कर रही थी।
सेबी का कहना है कि बाजार में कारोबार से रोकी गई कंपनियां धन को सीधे अन्य कारोबार कंपनियों -- नीलांचल मर्केटाइल, दिब्यदृष्टि मर्चेंटस और दिव्यादृष्टि ट्रेडर को भेज रही थी। कुछ मामलों ने उन्होंने अप्रत्यक्ष तौर पर कुछ दूसरे जरियों से धन हस्तांतरण किया। इनमें स्टुपेंडर्स ट्रेडर्स प्रा.लि और फलैक्स ट्रेड प्रा.लि. शामिल हैं। ये ट्रेडिंग कंपनियां इसके बदले में धन को विभिन्न शेयर ब्रोकरों को हस्तांतरित करती थी। इस प्रकार कारोबार से रोकी गई कंपनियों ने पूंजी बाजार में कारोबार के लिये काफी घुमावदार तरीका अपनाया ताकि सेबी के आदेश को धोखा दिया जा सके।
सेबी के आदेश में कहा गया है कि जांच अवधि के दौरान ऐसे 120 मौके सामने आये हैं जब रोक गई कंपनियों से कारोबारी कंपनियों को धन का प्रवाह किया गया और इसमें कुल 59 करोड़ 67 लाख रुपये जारी किये गये। ऐसे में बाजार नियमों का उल्लंघन करने पर सेबी ने 20 कंपनियों को 3 करोड़ 30 लाख 52 हजार 904 रुपये लौटाने को कहा है। और कुछ कंपनियों को प्रतिभूति बाजार में कारोबार से रोक भी लगाई है।