नई दिल्ली। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार को भुगतान बैंकों को निवेश बैंकर के रूप में काम करने की अनुमति दे दी। इस पहल का मकसद भुगतान के विभिन्न माध्यमों का उपयोग कर निवेशकों के लिये सार्वजनिक और राइट्स इश्यू में भागीदारी को आसान बनाना है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परिपत्र में कहा कि जिन गैर-अनुसूचित भुगतान बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से पहले से अनुमति है, वे निर्गम के लिये बैंकर (बैंकर टू इश्यू-बीटीआई) के रूप में काम करने के लिये पात्र होंगे। यह बीटीआई नियमों में निर्धारित शर्तों के पूरा करने पर निर्भर है। साथ ही बीटीआई के रूप में पंजीकृत भुगतान बैंकों को भी स्व प्रमाणित बैंक सिंडकेट के रूप में काम करने की अनुमति होगी। यह सेबी द्वारा इस संदर्भ में निर्धारित मानदंडों पर निर्भर करेगा। सेबी ने कहा, ‘‘निवेशकों से निर्गमकर्ता के लिये जो भी राशि ब्लॉक की जाएगी या भेजी जाएगी, वह निवेशक के भुगतान बैंक के बचत खाते में जमा रकम से होनी चाहिए।’’ सेबी ने 30 जुलाई को जारी अधिसूचना में बीटीआई नियमों में संशोधन किया। इसके जरिये अन्य बैंक इकाइयों को निर्गम के लिये बैंकर गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति दी गयी है। इन बैंकिंग इकाइयों में वे कंपनियां शामिल होंगी, जिन्हें सेबी ने समय-समय पर निर्दिष्ट किया है।
इससे पहले एक अन्य फैसले में बाजार नियामक सेबी ने रीट (रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट) और इनविट (बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट) में निवेश के लिए आवेदन की न्यूनतम राशि घटा दी है और कारोबार के लिये ‘लॉट’ की संख्या संशोधित कर एक यूनिट कर दी है। इस निर्णय का मकसद इस उभरते निवेश उत्पादों को खुदरा निवेशकों के लिये आकर्षक बनाना है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 30 जुलाई को जारी दो अलग-अलग अधिसूचनाओं में कहा कि रीट और इनविट दोनों के लिये निवेश की न्यूनतम आवेदन राशि 10,000 से 15,000 रुपये के दायरे में किया गया है। यह पहले रीट के लिये 50,000 रुपये और इनविट के मामले में एक लाख रुपये था। सेबी ने यह भी कहा कि रीट और इनविट के लिये कारोबार को लेकर अब एक लॉट एक यूनिट का कर दिया गया है। किसी भी निवेशक को आबंटन एक लॉट के गुणक में करने की जरूरत होगी। पहले, शुरूआती सूचीबद्धता के लिये कारोबार को लेकर ‘लॉट’ 100 यूनिट का होता था। सेबी के इस कदम से खुदरा निवेशक इन निवेश उत्पादों के लिये आकर्षित होंगे और उन्हें वृद्धि के साथ निवेश पर स्थिर प्रतिफल प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। साथ ही इससे नकदी की स्थिति बेहतर होगी और बेहतर कीमत तय हो सकेगी। इसके अलावा, नियामक ने गैर-सूचीबद्ध इनविट के लिए न्यूनतम यूनिट धारकों की न्यूनतम संख्या तय की है। सेबी ने कहा, ‘‘प्रायोजकों, संबंधित पक्षों और उसके सहयोगियों के अलावा इनविट में यूनिटधारकों की न्यूनतम संख्या पांच होगी और उनके पास सामूहिक रूप से कम-से-कम कुल यूनिट के 25 प्रतिशत होने चाहिए।’’