नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने 2000 सीसी और इससे अधिक क्षमता के इंजन वाले डीजल वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। यह आदेश 31 मार्च 2016 तक प्रभावी रहेगा। इसके बाद इस आदेश की समीक्षा की जाएगी और उसके बाद आगे फैसला लिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश पर वाहन उद्योग ने निराशा जाहिर की है। उद्योग इकाइयों ने इस समस्या से निपटने के लिए प्रदूषण पैदा करने वाले विभिन्न तत्वों पर व्यापक विचार किए जाने की जरूरत पर बल दिया है।
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उच्चतम न्यायालय के आदेश से सबसे अधिक प्रभावित जर्मनी की लग्जरी कार बनाने वाली मर्सिडीज बेंज और टाटा मोटर्स के स्वामित्व वाली जगुआर लैंडरोवर (जेएलआर) होगी क्योंकि उनके सारे मॉडल 2,000 सीसी से अधिक इंजन क्षमता वाले हैं। मर्सिडीज बेंज भारत में कुल 24 मॉडल बेचती है। दिल्ली और मुंबई भारत में लग्जरी वाहनों का सबसे बड़ा बाजार है। उद्योग के अनुमान के मुताबिक देश की कुल लग्जरी वाहनों की बिक्री में दिल्ली का 20 फीसदी योगदान है।
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जर्मनी की अन्य लग्जरी कार बनाने वाली कंपनी बीएमडब्ल्यू पर इस आदेश का असर कम होगा, क्योंकि भारत में बेची जाने वाली 20 में से सिर्फ छह मॉडल में 2000 सीसी से अधिक क्षमता वाले इंजन लगे हैं। इसमें 5 सिरीज की 539डी, 6 सिरीज की 640डी और एक्स640डी शमिल हैं। ऑडी के भी सिर्फ दो मॉडल इस आदेश से प्रभावित होंगे।
घरेलू कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा पर इस आदेश का सबसे अधिक असर होगा। इसकी एक्सयूवी 500, स्कॉर्पियो, जायलो और बोलेरो जैसे लोकप्रिय वाहनों का इंजन 2000 सीसी से अधिक का है। टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के दो सबसे अधिक बिकने वाले वाहन इनोवा और फार्च्यूनर भी इस आदेश से प्रभावित होंगे। टाटा मोटर्स की सूमो गोल्ड, सफारी और एमपीवी आरिया भी उच्चतम न्यायालय के आदेश से प्रभावित होंगी।