बेंगलुरु। आई मोनेटरी एडवाइजरी (आईएमए) ज्वेल्स का मालिक मोहम्मद मंसूर खान लोगों को करोड़ों का चूना लगाने के बाद से फरार है। इस्लामिक बैंकिंग और हलाल निवेश फर्म आई मॉनेटरी एडवाइजरी (आईएमए/I Monetary Advisory) के सैकड़ों निवेशकों ने मंगलवार को भी कंपनी के ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया। फरार हो चुके आईएमए कंपनी के प्रबंध निदेशक मोहम्मद मंसूर खान का कथित ऑडियो सामने आया है, जिसमें खान ने कहा है कि वह आत्महत्या कर रहा है क्योंकि वह नेताओं और अफसरों को रिश्वत देते-देते थक गया है। बेंगलुरु पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। हालांकि, बेंगलुरु पुलिस ने अभी आडियो संदेश की पुष्टि नहीं की है।
10 हजार निवेशकों ने 2 हजार करोड़ रुपए का किया है निवेश
दरअसल, आईएमए ज्वेलस कंपनी के कार्यालय के बाहर 5 जून से 9 जून तक रमजान के कारण अवकाश का नोटिस लगा था, लेकिन 10 जून को भी कार्यालय नहीं खुला। इसी दौरान निवेशकों के पास कंपनी के संस्थापक मोहम्मद मंसूर खान का एक संदेश मिला, जिसके बाद निवेशक परेशन हो गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत और कुछ अन्य देशों में आईएमए के 10,000 निवेशक हैं जिन्होंने कंपनी में 2,000 करोड़ रुपए का निवेश कर रखा है।
पार्टनर ने दर्ज कराई एफआईआर
खान के बिल्डिंग प्रोजेक्ट में पार्टनर मोहम्मद खालिद अहमद ने उसके खिलाफ 1.3 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने की एफआईआर दर्ज कराई है। इस एफआईआर के दर्ज होने के बाद ही यह ऑडियो क्लिप वायरल हो गई थी। कंपनी ने आम जनता खासतौर पर मुस्लिम महिलाओं से दो हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम इकट्ठा कर ली थी।
बेंगलुरु के शिवाजी नगर में है ऑफिस
आईएमए का ऑफिस बेंगलुरु के शिवाजी नगर में स्थित है। सोमवार को इस ऑफिस के बाहर हजारों निवेशक जमा हो गए थे। ऑडियो क्लिप पुलिस कमिश्नर के नाम पर रिकॉर्ड की गई है। क्लिप में उसने कहा है कि वह 'भ्रष्ट राजनेताओं और अधिकारियों को रिश्वत दे-देकर थक गया' है।
कांग्रेस विधायक पर लगाए आरोप
आईएम के फाउंडर खान ने ऑडियो में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और शिवाजीनगर विधायक आर रोशन बेग पर भी आरोप लगाए हैं। खान ने कहा है कि विधायक बेग ने उसके 400 करोड़ रुपए लौटाने से इनकार कर दिया। उसकी जान को भी खतरा था। पुलिस यह पता नहीं लगा पाई है कि क्या खान ने हकीकत में आत्महत्या कर ली है। खान और उसके परिवार के सदस्यों की तलाश तेज कर दी गई है। हालांकि बेग ने एक मीडिया संस्थान से बातचीत में कहा कि उन्होंने फर्म के साथ कोई वित्तीय लेन-देन नहीं किया है, और उनको फंसाया जा रहा है।
2006 में शुरू किया था बैंक
बता दें कि मंसूर खान ने 2006 में आई मॉनेटरी एडवायजरी नाम से एक इस्लामिक बैंक और हलाल निवेशक कंपनी को शुरू की थी। आईएमए ने 14 से 18 फीसदी प्रति माह के बीच निवेश पर ब्याज देने की बात भी कही थी। इसके ज्यादातर निवेशक मुस्लिम समुदाय के लोग हैं। आईएमए ने ज्वेलरी, रिएल एस्टेट, बुलियन ट्रेडिंग, फार्मेसी, पब्लिशिंग, एजुकेशन और हेल्थकेयर सेक्टर में कारोबार फैला रखा है।
कर्नाटक सरकार ने कहा- दोषियों पर कार्रवाई होगी
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने कहा है कि आईएमए के मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। सरकार निवेशकों की स्थिति समझती है। इस मुद्दे पर गृह मंत्री एम बी पाटिल से भी बात की है। यह मामला सेंट्रल क्राइम ब्रांच (सीसीबी) को सौंप दिया गया है। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।