नई दिल्ली। वोडाफोन आइडिया जैसी दूरसंचार कंपनियों के लिए एजीआर का बकाया 20 साल में चुकाने के लिए व्यक्तिगत गारंटी दे पाना मुश्किल होगा। एक ब्रोकरेज कंपनी ने बृहस्पतिवार को यह राय जताई। उच्चतम न्यायालय ने एजीआर का बकाया 20 साल में चुकाने के लिए व्यक्तिगत गारंटी का आश्वासन देने को कहा है। उच्चतम न्यायालय ने वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल और अन्य दूरसंचार कंपनियों पर बकाया 93,520 करोड़ रुपये के भुगतान के लिए 20 साल का समय देने की सरकार की एक योजना पर विचार करने की सहमति दी है। हालांकि, इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने पूछा है कि दूरसंचार कंपनियों द्वारा भुगतान और समयसीमा के अनुपालन के लिए क्या गारंटी दी जा सकती है।
एसबीआई कैप सिक्योरिटीज ने न्यायालय के इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘‘शीर्ष अदालत ने 20 साल की अवधि में बकाया चुकाने के लिए निजी दूरसंचार कंपनियों से सुरक्षा गारंटी और भुगतान की रूपरेखा मांगी है।’’ एसबीआई कैप ने कहा कि व्यापक रूप से देखा जाए, तो दूरसंचार कंपनियों को एजीआर और स्पेक्ट्रम का बकाया चुकाने के लिए नेटवर्क में निवेश करना होगा। उसने कहा, ‘‘हमारा विचार है कि दूरसंचार ऑपरेटरों के लिए व्यक्तिगत गारंटी देना मुश्किल होगा। ऐसे में इस बात की संभावना नहीं है कि न्यायालय उन्हें इसके भुगतान के लिए 20 साल का समय देगा। इस बात के आसार हैं कि न्यायालय कुछ कम समय देने पर विचार करेगा, जो वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियों के लिए अच्छी खबर नहीं है। उच्चतम न्यायालय के एजीआर पर 24 अक्टूबर, 2019 के आदेश के अनुसार वोडाफोन आइडिया पर 58,254 करोड़ रुपये का बकाया है।