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SC stays Bombay HC order directing sale of HDIL assets to repay dues of PMC bank
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को संकटग्रस्त पंजाब और महाराष्ट्र कोऑपरेटिव(पीएमसी) बैंक के बकाया चुकाने की सुविधा देने के उपाय के तहत बंबई हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें दिवालिया हो चुके हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) की संपत्तियों की बिक्री के आदेश दिए गए थे। भारतीय रिजर्व बैंक ने बंबई हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था।
प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने इस याचिका का संज्ञान लिया और आरबीआई की याचिका पर सरोश दमानिया समेत अन्य पक्षों को नोटिस जारी किया। दमानिया ने पीएमसी बैंक के खाताधारकों के बकाये राशियों के भुगतान के लिए बंबई हाईकोर्ट का रुख किया था।
आरबीआई के अनुसार, पीएमसी बैंक ने एचडीआईएल समेत 44 समस्याग्रस्त ऋण खातों को छुपाने के लिए अपने कोर बैंकिंग प्रणाली का चालाकी से प्रबंध किया था। इन खातों तक सीमित कर्मचारियों की ही पहुंच थी। प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) और मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने एचडीआईएल प्रमोटर्स और बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
बंबई हाईकोर्ट ने एचडीआईएल की संपत्तियों के मूल्यांकन और बिक्री के लिए उपलब्ध कराने के उद्देश्य से तीन सदस्यीय समिति गठित की थी। हाईकोर्ट को इसके जरिए बकायों के मिलने की उम्मीद थी, जिसे कंपनी द्वारा पीएमसी बैंक को दिया जाना था। सितंबर 2019 को, आरबीआई ने पाया कि पीएमसी बैंक ने कथित रूप से एचडीआईएल को स्वीकृत किए गए 4,355 करोड़ रुपये ऋण को छिपाने के लिए फर्जी खातों का निर्माण किया था।
हाईकोर्ट में एचडीआईएल की संपत्तियों के शीघ्र निपटान के लिए आदेश जारी करने के लिए एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसे कई जांच एजेंसियों द्वारा जब्त किया गया था। याचिकाकर्ता का मानना था कि इन संपित्तयों के निपटारे से पीएमसी बैंक के जमाकर्ताओं को जल्द से जल्द भुगतान करने में मदद मिलेगी।