नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह के तीन निदेशकों को मंगलवार को पुलिस हिरासत में भेजते हुए उन्हें समूह की 46 कंपनियों के सारे दस्तवेज फॉरेंसिक ऑडिटर को सौंपने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति उदय यू ललित की पीठ ने आम्रपाली समूह द्वारा सारे दस्तावेज फॉरेंसिक ऑडिटर को नहीं सौंपे जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि ये दस्तावेज सौंपे जाने तक वे पुलिस हिरासत में ही रहेंगे। पुलिस हिरासत में भेजे गए निदेशकों के नाम अनिल शर्मा, शिव प्रिय और अजय कुमार हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने समूह के इस रवैये पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि आप कोर्ट के साथ लुका-छिपी खेल रहे हैं। आप न्यायपालिका को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। शीर्ष अदालत ने आम्रपाली समूह के मकान खरीदारों की याचिकाओं पर यह आदेश दिया। आम्रपाली समूह में मकान बुक कराने वाले ये खरीदार करीब 42,000 फ्लैट का कब्जा चाहते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निदेशकों का आचरण कोर्ट के आदेशों का घोर उल्लंघन है। पीठ ने दिल्ली पुलिस को आम्रपाली समूह के सारे दस्तावेज जब्त करने और उन्हें फॉरेंसिक ऑडिटर को सौंपने का निर्देश दिया। न्यायालय ने कहा कि इन कंपनियों का एक भी दस्तावेज समूह के पास नहीं रहना चाहिए।
शीर्ष अदालत ने इससे पहले राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम लिमिटेड (एनबीसीसी) को आम्रपाली समूह के अधर में अटकी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए बिल्डर का चयन करने हेतु निविदा आमंत्रित करने की अनुमति दी थी। नयायालय ने एनबीसीसी से कहा था कि वह 60 दिन के भीतर लंबित परियोजना के बारे में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करे।