नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने समस्या में घिरी कंपनी यूनिटेक लि. को सितंबर तक 15 करोड़ रुपए जमा करने का निर्देश दिया है। कोर्ट उन निवेशकों को पैसा लौटाएगी जिन्होंने कंपनी की गुड़गांव की एक परियोजना में फ्लैट खरीदे लेकिन उन्हें समय पर उनका कब्जा नहीं दिया गया। न्यायाधीश दीपक मिश्र और न्यायाधीश यू यू ललित की पीठ ने 38 निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए कंपनी को पांच करोड़ रुपए दो सप्ताह जमा करने को कहा है। वहीं बाकी 10 करोड़ रुपए अगले महीने के अंत तक कोर्ट की रजिस्ट्री के पास जमा करने का निर्देश देते हुए कहा हमें तकलीफ हो रही है।
पीठ ने यूनिटेक की पैरवी कर रहे अधिवक्ता कपिल सिब्बल से कहा, आप हमें यह बताइये आप कैसे भुगतान करेंगे? क्या निवेशकों को ब्याज भी दिया जाएगा, इस पर हम बाद में विचार करेंगे। सवाल के जवाब में सिब्बल ने कहा, हम ग्राहकों की चिंता को समझते हैं। वे वैकल्पिक मकान ले सकते हैं। हम किराए का भुगतान करेंगे। पीठ ने इस पर तपाक से कहा, क्या वे किराए का मकान छोड़ कर फिर किराये में जाएंगे? कुछ नहीं हो रहा है। सिब्बल ने न्यायालय से कहा कि मुद्दे का कुछ समाधान होना चाहिए लेकिन पीठ ने कहा, आप धन (15 करोड़ रुपए) जमा कीजिए। पहले मूल राशि दीजिए।
पीठ ने कहा, हम अपीलकर्ता (यूनिटेक) को अदालत की रजिस्ट्री में 15 करोड़ रुपए जमा करने का निर्देश देते हैं। वह पांच करोड़ रुपए दो सप्ताह में और शेष राशि सितंबर 2016 के अंत में जमा करेंगे। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए चार अक्टूबर की तारीख मुकर्रर की। सुनवाई के दौरान कई निवेशक मौजूद थे। उनमें से कुछ की पैरवी कर रहे अधिवक्ता ब्रजेश कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के समक्ष यूनिटेक लि. ने आश्वासन दिया था कि वे फ्लैट का कब्जा देंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने गुरूग्राम के सेक्टर 70 में यूनिटेक विस्टा परियोजना के निवेशकों के बारे में कहा, अब हम धन वापस चाहते हैं।