नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को यूबी ग्रुप के चेयरमैन विजय माल्या को आदेश दिया कि वह विदेशों में स्थित अपनी पूरी प्रॉपर्टी की विस्तृत जानकारी दें। इसके लिए कोर्ट ने उन्हें तीन हफ्ते का समय दिया है।
कोर्ट ने कहा कि,
प्रथम दृष्टया, हमें यह भरोसा नहीं है कि माल्या ने अपनी प्रॉपर्टी का पूरा खुलासा कर दिया है।
जस्टिस कुरियन जोसेफ और जस्टिस रोहिन्टन एफ नरिमन की पीठ ने माल्या से पूछा है कि उन्होंने युनाइटेड स्प्रिट्स लिमिटेड (यूएसएल) से अलग होने के लिए फरवरी में मिले 4 करोड़ डॉलर का क्या किया। इसकी भी विस्तृत जानकारी कोर्ट ने मांगी है।
- फरवरी में डायजियो पीएलसी के नियंत्रण वाली यूएसल के नॉन-एग्जीक्यूटिव चेयरमैन पद से माल्या फरवरी में हट गए थे।
- कंपनी से अपने सारे संबंध खत्म करने के एवज में उन्हें पांच साल में 7.5 करोड़ डॉलर मिलने हैं।
- माल्या के वकील सी वैद्यनाथन ने कोर्ट में कहा कि नकद प्राप्त हुए 4 करोड़ डॉलर खर्च हो चुके थे और खुलासा करने की तारीख तक वो रकम शेष नहीं बची थी।
- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंक कंसोर्टियम ने माल्या द्वारा संपत्ति का पूरा खुलासा न करने की याचिका दाखिल की है।
- बैंक कंसोर्टियम ने लोन डिफॉल्ट मामले में 2013 में किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड के खिलाफ डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल में शिकायत की थी।
- बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस पर 17 बैंकों के कंसोर्टियम का 9,901 करोड़ रुपए का लोन बकाया है।
- इस मामले की अगली सुनवाई अब 24 नवंबर को होगी।