नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (SC) ने केन्द्र सरकार और RBI से पुराने नोट बदलने की समय सीमा पर दोनों से जवाब मांगा है। कोर्ट ने दो हफ्ते के अंदर केन्द्र सरकार से जवाब देने को कहा है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सरकार से पूछा कि सभी को पुराने नोट बदलने की मंजूरी क्यों नहीं दी गई है। आपको बता दें कि सिर्फ NRI को ही पुराने नोट बदलने की मंजूरी सरकार ने दी है। मामले की अगली सुनवाई 11 अप्रैल को होगी।
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सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
उच्चतम न्यायालय ने केंद्र एवं भारतीय रिजर्व बैंक से पूछा कि उसने उन लोगों के लिए एक अलग श्रेणी क्यों नहीं बनाई जो चलन से बाहर हो चुके नोट 30 दिसंबर 2016 तक जमा नहीं करा सके। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक को दो सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने को कहा है।
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क्या है मामला
सुप्रीम कोर्ट उस याचिका पर सुनवाई हो रही है, जिसमें सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया गया था। याचिका में आरोप लगाया गया कि नोटबंदी का एलान करते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 मार्च तक 500-1000 रुपए के नोट जमा करने का मौका देने का वादा किया था। सरकार और आरबीआई ने 30 दिसंबर के बाद पुराने नोट डिपॉजिट करने पर रोक लगा दी। याचिकाकर्ता ने सरकार पर आम आदमी को धोखा देने का आरोप लगाया।
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8 नवंबर को हुआ था नोटबंदी का ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 8 नवंबर, 2016 के दिन नोटबंदी की घोषणा के बाद 500-1000 रुपए के पुराने नोटों की कानूनी मान्यता रद्द हो गई थी। पर आरबीआई ने इन नोटों को लेने की अवधि को पहले 31 मार्च 2017 तक बताया था, पर बाद में इसे 31 दिसंबर, 2016 के बाद से ही पुराने 500-1000 रुपए के नोट लेना बंद कर दिए।
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बाद में हुए कई बदलाव
इस फैसले के चलते देश के लाखों लोगों को दिक्कतें आई और वो अपना बचा हुआ पैसा बैंक में जमा नहीं कर पाए। आरबीआई ने सिर्फ एनआरआई लोगों के लिए ही 31 मार्च, 2017 की तारीख पुराने नोट बदलवाने के लिए रखी।