नई दिल्ली। होम बायर्स को परेशान करने वाले बिल्डर्स को सुप्रीम कोर्ट राहत देने के मूड में नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने अब पार्श्वनाथ डवेलपर्स पर सख्ती की है। डवेलपर्स को चार हफ्ते के अंदर कोर्ट रजिस्ट्री में 12 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया गया है।
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क्या है मामला
कंपनी के गाजियाबाद के इग्जॉटिका प्रॉजेक्ट से जुड़ा है। गाजियाबाद डवेलपर्स अथॉर्टी ने निर्माण की संशोधित योजना को खारिज कर दिया था, जिस कारण यह प्रॉजेक्ट तय समय पर पूरा नहीं हो सका। पहले की एक सुनवाई में पार्श्वनाथ डवेलपर्स ने कोर्ट को बताया था कि इस प्रॉजेक्ट को पूरा करने में एक साल और लगेगा।
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4 हफ्ते में जमा कराने है ब्याज के साथ रकम
6 मई को राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग (एनसीडीआरसी) ने पार्श्वनाथ से 70 फ्लैट बायर्स के पैसे चार हफ्ते के अंदर 12 फीसदी ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया था। कन्जयूमर फोर्म के इस फैसले के खिलाफ पार्श्वनाथ डवेलपर्स ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। इसी अपील पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने एनसीडीआरसी के आदेश पर स्टे लगाने से इनकार कर दिया और डवेलपर्स को कोर्ट में पैसा जमा करने का आदेश दिया।
कंपनी डूब जाए या मर जाए, हमें इससे कोई मतलब नहीं: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने प्रॉजेक्ट को पूरा करने में टाल-मटोल करने वाले बिल्डरों पर सख्त रुख अपनाया है। इससे पहले नोएडा के दो बिल्डरों सुपरटेक और सनवर्ल्ड बिल्डर को भी सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई थी। अपने नुकसान का हवाला देकर खरीदारों का पैसा लौटाने में टालमटोल कर रहे सुपरटेक बिल्डर की सभी दलीलों को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘कंपनी डूब जाए या मर जाए, हमें इससे कोई मतलब नहीं उसे खरीदारों को 10 फीसदी सालाना के हिसाब से पैसा वापस देना होगा। 5 जनवरी 2015 से गिनती होगी और एक महीने में उन 17 खरीदारों के पैसे लौटाने होंगे जो अब बिल्डर से घर नहीं पैसा मांग रहे हैं।