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उच्‍चतम न्‍यायालय ने कहा : BS-IV लागू करने के प्रयासों में अड़चन न बनें वाहन कंपनियां

सुप्रीम कोर्ट ने वाहन कंपनियों से सरकार द्वारा प्रदूषण पर अंकुश के लिए किए जा रहे उपायों में BS-III वाले वाहनों की बिक्री के जरिए अड़चन नहीं बनने को कहा है।

Manish Mishra
Published on: March 26, 2017 14:26 IST
उच्‍चतम न्‍यायालय ने कहा : BS-IV लागू करने के प्रयासों में अड़चन न बनें वाहन कंपनियां- India TV Paisa
उच्‍चतम न्‍यायालय ने कहा : BS-IV लागू करने के प्रयासों में अड़चन न बनें वाहन कंपनियां

नई दिल्ली उच्चतम न्यायालय ने वाहन कंपनियों से सरकार द्वारा प्रदूषण पर अंकुश के लिए किए जा रहे उपायों में BS-III उत्सर्जन मानक वाले वाहनों की बिक्री के जरिए अड़चन नहीं बनने को कहा है। वाहन कंपनियों के पास BS-III वाहनों का स्टॉक बना हुआ है।

शीर्ष अदालत वाहन विनिर्माताओं की उस याचिका की सुनवाई कर रही है जिसमें 8.2 लाख BS-III वाहनों के भंडार को निकालने की अनुमति देने की अपील की गई है। न्यायालय ने संकेत दिया कि वह या तो ऐसे वाहनों के पंजीकरण पर रोक लगाएगा या फिर प्रदूषण की वजह से स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान के लिए लागत लगाएगा।

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न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर तथा न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा, केंद्र सरकार ने BS-IV ईंधन के उत्पादन के लिए प्रौद्योगिकी उन्नयन को करोड़ों रुपए खर्च किए हैं। कंपनियों को 8.2 लाख BS-IV वाहनों की बिक्री करने के जरिए सरकार के इन प्रयासों को चोट पहुंचाने की अनुमति नहीं दी जाती है। इस मामले में अगली सुनवाई 27 मार्च को होगी।

भारत चरण चार उत्सर्जन मानक (BS-IV) एक अप्रैल से अस्तित्व में आ रहा है। वाहन कंपनियों के पास BS-III उत्सर्जन वाले वाहनों का भंडार है। इसी वजह से वाहन कंपनियों ने इस स्टॉक को निकालने की अनुमति मांगी है।

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सुनवाई के दौरान पीठ ने वाहन कंपनियों से कहा कि उसके समक्ष तीन विकल्प हैं। या तो BS-III वाहनों का पंजीकरण पूरी तरह रद्द कर दिया जाए, तो फिर उनके पंजीकरण की अनुमति दी जाए लेकिन प्रमुख शहरों में उनको चलाने पर रोक लगा दी जाए। इसके अलावा एक अन्य विकल्प यह है कि स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान के मद्देनजर कंपनियों पर शुल्‍क लगाया जाए और वे सरकार द्वारा ईंधन के उन्नयन पर खर्च हुए भारी राशि की इसके जरिए भरपाई करें।

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