नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की चोरी करने वाले व्यक्तियों को गिरफ्तार करने की कर प्राधिकरणों की शक्ति की समीक्षा करने पर बुधवार को सहमति प्रदान कर दी है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की अवकाश पीठ ने केंद्रीय जीएसटी अधिनियम के गिरफ्तारी के प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया और जवाब देने को कहा।
पीठ ने कहा कि जीएसटी चोरी करने के आरोपियों को जमानत देने के मामले में विभिन्न हाई कोर्ट ने अलग-अलग रुख अपनाया है, इस कारण गिरफ्तारी की शक्ति की समीक्षा की जरूरत है। साथ ही पीठ ने सभी हाई कोर्ट को इस तरह के मामलों में जमानत देने से पहले अपने उस आदेश को ध्यान में रखने को कहा, जिसमें उसने तेलंगाना हाई कोर्ट के निर्णय को बरकरार रखा था। उक्त आदेश में तेलंगाना हाई कोर्ट ने कहा था कि इस तरह के मामलों में किसी व्यक्ति को गिरफ्तारी से बचने की छूट नहीं दी जा सकती है। पीठ ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए तीन न्यायाधीशों की पीठ के सुपुर्द कर दिया।
जीएसटीएन छोटे उद्यमियों को बिल, लेखा-जोखा बनाने का सॉफ्टवेयर देगा मुफ्त में
जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) ने कहा कि वह 1.5 करोड़ रुपए सालाना तक का कारोबार करने वाले सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को मुफ्त में लेखा-जोखा तथा बिल बनाने के सॉफ्टवेयर की पेशकश कर रहा है। इससे करीब 80 लाख छोटे उद्यमियों को लाभ होगा।
जीएसटीएन ने एक बयान में कहा कि यह सॉफ्टवेयर कंपनियों को बिल और उनके लेखा खातों का ब्योरा तैयार करने, भंडार के माल का प्रबंधन तथा जीएसटी रिटर्न तैयार करने में मदद करेगा। बयान के अनुसार सॉफ्टवेयर पोर्टल www.gst.gov.in पर दिए गए डाउनलोड विकल्प पर क्लिक कर प्राप्त किया जा सकता है।
जीएसटीएन ने एक वित्त वर्ष में 1.5 करोड़ रुपए से कम कारोबार करने वाले एमएसएमई को सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराने के लिए बिल और एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर विक्रेताओं के साथ गठजोड़ किया है। इसके लिए इन करदाताओं को कोई शुल्क नहीं देना होगा।