नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) का शुद्ध मुनाफा चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 25 फीसदी बढ़कर 3,879 करोड़ रुपए रहा है। ट्रेजरी ऑपरेशन के मजबूत प्रदर्शन और खराब लोन के लिए कम प्रोवीजन की वजह से बैंक की अन्य आय में इजाफा हुआ है, जिसकी वजह से बैंक का मुनाफा भी बढ़ा है। पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में बैंक का शुद्ध मुनाफा 3100 करोड़ रुपए था।
दूसरी तिमाही में बैंक की शुद्ध ब्याज आय, ब्याज आय और खर्च के बीच अंतर, 7 फीसदी बढ़कर 14,253 करोड़ रुपए रही है, जो कि पिछले साल की समान अवधि में 13,275 करोड़ रुपए थी। बैंक की अन्य आय भी इस दौरान 36 फीसदी बढ़कर 6,197 करोड़ रुपए रही है, जो कि पिछले साल की समान अवधि में 4,750 करोड़ रुपए थी। बैंक की सपंत्ति गुणवत्ता में भी चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सुधार आया है।
जुलाई-सितंबर 2015 तिमाही में बैंक का ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग असेट (एनपीए) 4.15 फीसदी रहा है, जो अप्रैल-जून 2015 तिमाही में 4.29 फीसदी थी। वित्त वर्ष 2014-15 की दूसरी तिमाही में बैंक का ग्रॉस एनपीए 4.89 फीसदी था। जुलाई-सितंबर 2015 तिमाही में बैंक ने एनपीए के लिए 3,842 करोड़ रुपए का प्रोवीजन किया है, जबकि अप्रैल-जून 2015 तिमाही में बैंक ने 3,359 करोड़ रुपए का प्रोवीजन किया था। पिछले साल की दूसरी तिमाही की तुलना में चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में बैंक ने एनपीए के लिए 7 फीसदी कम प्रोवीजन किया है।
प्रोवीजनिंग के बाद बैंक का शुद्ध एनपीए कुल लोन का 2.14 फीसदी रह गया है, जो कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 2.24 फीसदी था। वित्त वर्ष 2014-15 की जुलाई-सितंबर तिमाही में बैंक का शुद्ध एनपीए 2.73 फीसदी था।