मुंबई। भारतीय स्टेट बैंक (SBI/एसबीआई) ने जुलाई महीने से अपने आवास ऋण की ब्याज दरों को रेपो दर से जोड़ने की घोषणा की है। बैंक की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि हम एक जुलाई से रेपो दर से जुड़े आवास ऋण की पेशकश करेंगे। बैंक अपने अल्पकालिक कर्ज (short term loan) और बड़ी जमा राशि की ब्याज दरों को रेपो दर से पहले ही जोड़ चुका है। रेपो दर रिजर्व बैंक तय करता है। इस दर पर केंद्रीय बैंक, वाणिज्यिक बैंकों को एक दिन के लिए नकदी उधार देता है।
लगातार तीसरी बार रेपो रेट में की गई कमी
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई/RBI) ने गुरुवार को लगातार तीसरी बार अपनी रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर इसे 5.75 पर ला दिया है। आरबीआई लगातार तीन समीक्षा बैठकों में कुल मिलाकर रेपो में 0.75 प्रतिशत की कटौती कर चुका है। रेपो कम होने पर वाणिज्यिक बैंकों के लिए धन सस्ता होता है और वे ब्याज कम करने की स्थिति में होते हैं।
ब्याज दर में कमी भी संभव
दूसरी तरफ आरबीआई की तरफ से रेपो रेट में कटौती के बाद एसबीआई की तरफ से बड़ा ऐलान किया जा सकता है। एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार ने शुक्रवार को संकेत दिया कि आरबीआई की तरफ से ब्याज दरों में कमी किए जाने का फायदा ग्राहकों को दिया जा सकता है। एसबीआई चेयरमैन ने कहा कि केंद्रीय बैंक के फैसले के बाद ब्याज दरों की समीक्षा की जाएगी।