नई दिल्ली। SBI रिसर्च ने कहा है कि 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद करने का सरकार का फैसला सही दिशा में उठाया गया कदम है। हालांकि, सरकार को Black Money की अर्थव्यवस्था के स्रोत को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है।
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SBI रिसर्च ने कहा है-
- अर्थव्यवस्था में अतिरिक्त करेंसी का प्रवाह है और यह आंकड़ा 5 लाख करोड़ रुपए तक हो सकता है।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह की अतिरिक्त नकदी की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह संतुलित बनाने की न तो जरूरत है और न ही यह वांछित है।
- समय के साथ इस तरह की अतिरिक्त नगदी बिना हिसाब-किताब के साथ अर्थव्यवस्था में जुड़ती चली गई और यह काली अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन गई।
- SBI रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे में नोटबंदी सही दिशा में उठाया गया कदम है।
- हालांकि, हमें काले धन की अर्थव्यवस्था के सृजन के स्रोत को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को 500 और 1,000 रुपए के नोट के विमुद्रीकरण की घोषणा की थी।
- इससे 86 प्रतिशत मुद्रा या 14 लाख करोड़ रुपए की करेंसी चलन से बाहर हो गई थी।
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सरकार जारी करे डिजिटल लेनदेन के प्रोत्साहन की सूची
- SBI रिसर्च का कहना है कि सरकार को डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोत्साहन की सूची जारी करनी चाहिए।
- उदाहरण के तौर पर सभी सरकारी सेवाओं में नकद लेनदेन पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
- दुकानों पर पीओएस (स्वाइप) मशीनों को लगाना अनिवार्य किया जाना चाहिए।
- एक निश्चित सीमा से अधिक के नकद लेनदेन पर पैन की जानकारी देना अनिवार्य किया जाना चाहिए।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि डिजिटल भुगतान क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं हैं।
- अभी डिजिटल बैंकिंग का आकार करीब 1.2 लाख करोड़ रुपए है।
- यह कम से कम तीन लाख करोड़ रुपए पर पहुंचना चाहिए।