नई दिल्ली। कुल बंद नोटों का करीब 75 प्रतिशत जनवरी अंत तक बैंकिंग प्रणाली में वापस आ जाएगा। ऐसे में नकदी संकट को लेकर पैदा हुई स्थिति अगले दो माह में सामान्य हो पाएगी। एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
यह भी पढ़ें : नोटबंदी पर RBI का एक और बड़ा फैसला, बंद हो चुके पुराने नोटों में 5000 से अधिक राशि सिर्फ एक बार कराई जा सकेगी जमा
SBI रिसर्च ने कही ये बातें
- SBI रिसर्च की रिपोर्ट इकोरैप के अनुसार मौजूदा समय में नए नोटों की छपाई का काम काफी तेजी से चल रहा है।
- ऐसे में दिसंबर के अंत तक बंद नोटों का 50 प्रतिशत तथा जनवरी, 2017 के अंत तक 75 प्रतिशत प्रणाली में वापस आ जाएगा।
- रिपोर्ट के अनुसार बेहतर परिदृश्य को मानें तो फरवरी के अंत तक बंद नोटों का 78 से 88 प्रतिशत प्रतिशत प्रणाली में आ जाएगा।
- ऐसे में अगले दो महीने में स्थिति सामान्य होने के काफी करीब पहुंच जाएगी।
यह भी पढ़ें : Demonetisation: सरकार जल्द तय करेगी घर में कैश रखने की सीमा, अधिक मिलने पर होंगे जब्त
इस राज्यों में हो सकती है ज्यादा परेशानी
- इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब, हरियाणा और गुजरात जैसे अधिक कृषि निर्भरता वाले राज्य नकदी संकट की इस अवधि में अधिक परेशानी का सामना कर सकते हैं।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी के बाद कुल करेंसी में छोटे नोटों का प्रतिशत बढ़कर सात प्रतिशत हो गया है।
- इसमें कहा गया है कि क्षेत्रवार बात की जाए तो नकदी की दृष्टि से कृषि क्षेत्र सबसे अधिक संवेदनशील है।
- यह क्षेत्र धीरे-धीरे ही इलेक्ट्रॉनिक लेन-देन के तौर तरीके अपनाएगा।