नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक (SBI) का चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में एकल शुद्ध मुनाफा वार्षिक आधार पर 38 प्रतिशत घटा है। मुनाफे में यह गिरावट तनावग्रस्त ऋण (एनपीए) के निपटान हेतु अधिक प्रावधान करने की वजह से आई है। अन्य आय, परिचालन आय, शुद्ध ब्याज आय में अधिक वृद्धि और टैक्स रिफंड की वजह से बैंक को मुनाफा हुआ है।
चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में बैंक का एकल शुद्ध लाभ 1581.55 करोड़ रुपए रहा है, जो कि पिछले साल की समान तिमाही में 2,538.32 करोड़ रुपए था। समीक्षाधीन तिमाही में शुद्ध ब्याज आय, 27.3 प्रतिशत बढ़कर 18,585.9 करोड़ रुपए रही। बैंक की संपत्ति गुणवत्ता में भी सुधार आया है।
दूसरी तिमाही में बैंक का ग्रॉस एनपीए घटकर 9.83 प्रतिशत रह गया, जो इसी साल की पहली तिमाही में 9.97 प्रतिशत था। इसी प्रकार शुद्ध एनपीए भी घटकर 5.43 प्रतिशत हो गया, जो पहली तिमाही में 5.97 प्रतिशत था। एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि हमने दूसरी तिमाही के लिए प्रावधान और आपातस्थिति के लिए 19,137.4 करोड़ रुपए रखे हैं, जो कि तिमाही आधार पर 114.3 प्रतिशत और सालाना आधार पर 142.3 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने बताया कि एनपीए के लिए प्रावधान तिमाही आधार पर 38 प्रतिशत और सालाना आधार पर 118 प्रतिशत बढ़ाकर 16,715.2 करोड़ रुपए किया गया है।
बैंक की अन्य आय इस दौरान 28 प्रतिशत बढ़कर 10,579.91 करोड़ रुपए और परिचालन लाभ 30 प्रतिशत वृद्धि के साथ 14,563 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। बैंक को टैक्स रिफंड के रूप में 719.84 करोड़ रुपए हासिल हुए हैं। एसबीआई ने कहा है कि दूसरी तिमाही में भी लगातार ऋण वृद्धि कमजोर रही है। इस तिमाही के दौरान ऋण में 1 प्रतिशत की वृद्धि रही और इस दौरान 18.92 लाख करोड़ रुपए के ऋण वितरित किए गए जबकि जमा में 10.3 प्रतिशत की वृद्धि रही और इस दौरान 26.23 लाख करोड़ रुपए जमा के रूप में प्राप्त हुए।