नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के ग्राहकों के लिए अच्छी खबर है। स्टेट बैंक मिनिमम बैलेंस में राहत दे सकता है। अभी तक शहरी ब्रान्च में मिनिमम बैलेंस की लिमिट 3000 रुपए है। सभव है कि बैंक मासिक औसत बैलेंस की जरूरत को तिमाही औसत बैलेंस में बदल दे। इससे ग्राहकों को मासिक बैलेंस की बजाए तिमाही बैलेंस मेंनटेन करना होगा। सूत्रों के मुताबिक, बैंक मिनिमम बैलेंस की जरूरत को करीब 1000 रुपये किया जा सकता है, लेकिन अभी इस पर फैसला होना बाकी है।
इससे पहले SBI ने जून में मिनिमम बैलेंस को बढ़ाकर 5000 रुपये कर दिया था। हालांकि, विरोध के बाद मिनिमम बैलेंस सीमा को मेट्रो शहरों में घटाकर 3000, सेमी-अर्बन में 2000 और ग्रामीण क्षेत्रों में 1000 रुपये किया गया था। हाल में जारी रिपोर्ट में सामने आया था कि तय लिमिट से कम पैसा पाए जाने पर 8 महीने में 1771 करोड़ रुपए का जुर्माना काटा है, यह रकम SBI की एक तिमाही में होने वाली शुद्ध कमाई से भी ज्यादा है।
हालांकि विरोध के बाद अब बैंक ने अपने ग्राहकों को जानकारी दी है कि बचत खातों में ऐसे 8 तरह के खाते हैं जिनमें लिमिट से कम पैसा पाए जाने पर बैंक किसी तरह का जुर्माना नहीं लगाता है, क्योंकि उन खातों पर मिनिमम मासिक बैलेंस की शर्त लागू नहीं होती है। इसमें फाइनेशियल इनक्लूजन खाते, नो फ्रिल खाते, सेलरी पैकेज खाते, बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट खाते, छोटे खाते, पहला कदम या पहली उड़ान खाते, 18 वर्ष से कम आयूवर्ग के ग्राहकों के खाते और पेंशनर्स के खाते शामिल हैं।