नयी दिल्ली: एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (एसबीआई लाइफ) ने सोमवार को कहा कि जून में समाप्त तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 43 प्रतिशत घटकर 220 करोड़ रुपये रह गया। कंपनी ने कहा कि उसका लाभ कोविड-19 महामारी के कारण बीमाधारकों के दावों के भुगतान के कारण प्रभावित हुआ है। बीमा कंपनी ने एक साल पहले अप्रैल-जून तिमाही में 390 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। एसबीआई लाइफ ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रभाव के कारण दावों में तेज वृद्धि हुई।
इसमें कहा गया है कि 2021-22 की पहली तिमाही में दर्ज किए गए दावों की संख्या पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में दर्ज किए गए दावों से 1.28 गुना ज्यादा है। वित्त वर्ष 2021-22 में कोविड चलते किए गए दावों की कुल संख्या 8,956 थी और कोविड-19 के दावे, पुनर्बीमा के रूप में 570 करोड़ रुपये थे।
कंपनी ने एक नियामकीय सूचना में कहा कि अप्रैल-जून 2021 के दौरान कंपनी का सकल लिखित प्रीमियम (जीडब्लूपी) 10 प्रतिशत बढ़कर 838 करोड़ रुपये हो गया, जबकि अप्रैल-जून 2020 में यह 764 करोड़ रुपये था। वहीं कंपनी का नए कारोबार का प्रीमियम नौ प्रतिशत की वृद्धि के साथ 306 करोड़ रुपये (अप्रैल-जून 2020) से 335 करोड़ रुपये हो गया। व्यक्तिगत नए कारोबार के प्रीमियम में 37 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह अप्रैल-जून 2020 के 134 करोड़ रुपसे से बढ़कर 184 करोड़ रुपये हो गया।
एक्सिस बैंक का शुद्ध लाभ पहली तिमाही में 94 प्रतिशत उछलकर 2,160 करोड़ रुपये रहा
एक्सिस बैंक का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही अप्रैल-जून में लगभग दोगुना होकर 2,160.15 करोड़ रुपये रहा। कर्ज में अच्छी वृद्धि और फंसे ऋण के बदले प्रावधान कम होने से बैंक का लाभ बढ़ा है। निजी क्षेत्र के बैंक का इससे पूर्व वित्त वर्ष 2020-21 की इसी तिमाही में शुद्ध लाभ 1,112.17 करोड़ रुपये था। एक्सिस बैंक ने सोमवार को शेयर बाजारों को दी सूचना में कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उसकी कुल आय बढ़कर 19,591.63 करोड़ रुपये रही जो एक साल पहले 2020-21 की इसी तिमाही में 19,032.15 करोड़ रुपये थी।
इससे पिछली मार्च 2021 तिमाही में कंपनी की आय 20,162.76 करोड़ रुपये थी। बैंक की तरफ से दिया गया कर्ज सालाना आधार पर 12 प्रतिशत बढ़ा। खुदरा, कंपनी और एसएमई (छोटे एवं मझोले उद्यम) तीनों खंडों में कर्ज में वृद्धि हुई है। बैंक के एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) यानी फंसे कर्ज में सुधार आया है। यह कुल ऋण का 30 जून, 2021 को 3.85 प्रतिशत रहा जो एक साल पहले 4.72 प्रतिशत था। शुद्ध एनपीए भी 1.20 प्रतिशत पर आ गया जो एक साल पहले जून, 2020 को 1.23 प्रतिशत था। फंसे कर्ज और आपात प्रावधान जून 2021 तिमाही में घटकर 3,532.01 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले इसी तिमाही में 4,416.42 करोड़ रुपये था।
वेदांता का पहली तिमाही का शुद्ध लाभ चार गुना होकर 4,280 करोड़ रुपये पर
वेदांता लि.का जून में समाप्त चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही का एकीकृत शुद्ध लाभ चार गुना होकर 4,280 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। आय बढ़ने की वजह से कंपनी का मुनाफा भी बढ़ा है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी ने 1,033 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। बीएसई को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा कि तिमाही के दौरान उसकी कुल आय बढ़कर 29,151 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 16,998 करोड़ रुपये रही थी। तिमाही के दौरान कंपनी का खर्च 14,965 करोड़ रुपये से बढ़कर 21,847 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
वेदांता के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुनील दुग्गल ने कहा, ‘‘हम एक और अच्छे प्रदर्शन वाली तिमाही की घोषणा से खुश हैं। हमारे सभी कारोबार क्षेत्रों का प्रदर्शन अच्छा रहा।’’ दुग्गल ने कहा कि अनिश्चित बाजार परिस्थतियों के बावजूद हमने सबसे ऊंचा तिमाही 10,032 करोड़ रुपये का ईबीआईटीडीए (ब्याज, कर मूल्यह्रास और परिशोधन पूर्व आय) दर्ज किया। सालाना आधार पर इसमें 150 प्रतिशत की वृद्धि हुई। उन्होंने कहा कि कंपनी का ध्यान अपने कॉर्बन उत्सर्जन को कम करने तथा अंशधारकों के लिए अधिकतम मूल्यवर्धन पर है। जून तक कंपनी पर शुद्ध रूप से 20,261 करोड़ रुपये का कर्ज था।
महिंद्रा बैंक का पहली तिमाही का शुद्ध लाभ 32 प्रतिशत बढ़कर 1,642 करोड़ रुपये पर
निजी क्षेत्र के कोटक महिंद्रा बैंक का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की जून में समाप्त पहली तिमाही में करीब 32 प्रतिशत बढ़कर 1,641.92 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में बैंक ने 1244.45 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। शेयर बाजारों को भेजी सूचना में बैंक ने कहा कि तिमाही के दौरान उसकी कुल आय बढ़कर 8,062.81 करोड़ रुपये रही, जो एक साल पहले 2020-21 की समान अवधि में 7,685.40 करोड़ रुपये थी।
संपत्ति के मोर्चे पर बात की जाए, तो कुल ऋण पर बैंक की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) तिमाही के दौरान बढ़कर 3.56 प्रतिशत पर पहुंच गईं, जो जून, 2020 में 2.70 प्रतिशत पर थीं। इसी तरह बैंक का शुद्ध एनपीए 0.87 प्रतिशत से बढ़कर 1.28 प्रतिशत हो गया। डूबे कर्ज और अन्य आकस्मिक खर्च के लिए बैंक का प्रावधान मामूली घटकर 934.77 रुपये रह गया, जो एक साल पहले समान तिमाही में 962.01 करोड़ रुपये था।