नई दिल्ली। बैंकिंग सेवाओँ के लिहाज से देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को मार्च तिमाही में भारी घाटे का सामना करना पड़ा है। बैंक की तरफ से मंगलवार को जारी किए गए मार्च तिमाही नतीजों के मुताबिक बैंक को 7718.17 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ है, SBI के इतिहास में किसी भी तिमाही में यह अबतक का सबसे बड़ा घाटा है। इससे पहले दिसंबर तिमाही में भी SBI को 2416.37 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा उठाना पड़ा था।
मार्च तिमाही में SBI को सिर्फ घाटा ही नहीं उठाना पड़ा है बल्कि उसके फंसे हुए कर्ज (NPA) में भी बढ़ोतरी हुई है हालांकि NPA अनुमान से कम बचा है। बैंक की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक उसका नेट NPA बढ़कर 1,10,854.70 करोड़ रुपए हो गया है, यानि नेट NPA 5.73 प्रतिशत है, इससे पहले दिसंबर तिमाही में नेट NPA 1,02,370.12 करोड़ रुपए और पिछले साल मार्च तिमाही में 58277.38 करोड़ रुपए था।
बुधवार को SBI के नतीजों के बाद और उसके NPA में अनुमान से कम बढ़ोतरी की वजह से शेयर बाजार में बैंक के शेयरों में उछाल देखने को मिला है, निफ्टी पर SBI का शेयर 4.60 प्रतिशत की तेजी के साथ 255.70 रुपए पर बंद हुआ है।
हालांकि SBI के ग्रोस NPA को देखें तो वह लगभग उसके बजार मूल्य के बराबर है, मार्च तिमाही नतीजों के मुताबिक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का ग्रोस NPA 2.23 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है, और बैंक की मौजूदा मार्केट कैपिटल 2.26 लाख करोड़ रुपए है।