नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) विदेश में अपने परिचालन को तर्कसंगत बनाने के प्रयासों के तहत छह विदेशी शाखाएं बंद कर चुका है और अब नौ अन्य विदेशी शाखाओं को बंद करने वाला है। बैंक के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी। एसबीआई की 36 देशों में लगभग 190 शाखाएं हैं।
बैंक के प्रबंध निदेशक प्रवीण के गुप्ता ने एक साक्षात्कार में कहा कि अधिकांश बैंक शाखाओं के लिए पूंजी एक समस्या है। निश्चित तौर पर आप अपनी पूंजी को ऐसी जगह इस्तेमाल करना चाहेंगे, जहां उसकी सबसे ज्यादा जरूरत हो। अपनी विदेशी शाखाओं को तार्किक बनाने के क्रम में हम नौ और शाखाओं को भी बंद करने की प्रक्रिया में हैं। बैंक पिछले दो साल में छह विदेशी शाखाएं बंद कर चुका है।
गुप्ता ने कहा कि विदेश में स्थित सारी शाखाएं पूर्ण सेवा प्रदान करने वाले कार्यालय नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में कुछ छोटी शाखाएं तथा कुछ खुदरा शाखाएं हैं और इन्हें तार्किक बनाने की जरूरत है।
इन सरकारी बैंकों ने बंद किए एटीएम
आरबीआई के त्वरित सुधार कार्रवाई के तहत आए सरकारी बैंकों ने अपने एटीएम बंद करने शुरू कर दिए हैं। लागत घटाने के अपने प्रयासों के तहत यह कदम उठाया जा रहा है। केंद्रीय बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार इन सरकारी बैंकों ने पिछले एक साल में 1,635 एटीएम बंद किए हैं।
त्वरित सुधारात्मक कारवाई (पीसीए) के दायरे में जिन बैंकों को रखा गया है उनमें आईडीबीआई बैंक, यूको बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, देना बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, कॉर्पोरेशन बैंक और इलाहाबाद बैंक शामिल हैं।
सबसे ज्यादा एटीएम इंडियन ओवरसीज बैंक ने बंद किए हैं। बैंक ने अपने 15 प्रतिशत एटीएम के शटर गिरा दिए हैं। पिछले साल अप्रैल में बैंक के एटीएम की संख्या 3,500 थी, जो अब केवल 3,000 रह गई है। इसके बाद कैनरा बैंक और यूको बैंक हैं, जिन्होंने अपने 7.6 प्रतिशत एटीएम बंद किए हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा और पंजाब नेशनल बैंक ऐसे दो बड़े बैंक हैं, जो पीसीए से बाहर होने के बावजूद एटीएम में कटौती कर रहे हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा ने 2,000 एटीएम बंद किए हैं, वहीं स्कैम में फंसे पीएनबी ने 1,000 एटीएम बंद किए।