नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को ऋणशोधन व दीवाला संहिता (आईबीसी) के तहत निपटान प्रक्रिया से मौजूदा वित्त वर्ष में लगभग 30,000 करोड़ रुपए वसूल होने की उम्मीद है।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के वसूल नहीं हो रहे कर्जों के मामले देख रहे उप प्रबंध निदेशक (डीएमडी) पल्लव मोहापात्रा ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने आईबीसी के तहत निपटान के लिए कर्जदारों की दो सूची भेजी हैं, उसमें एसबीआई का अकेले का फंसा धन कुल मिलाकर लगभग 78,000 करोड़ रुपए है। भूषण स्टील-टाटा स्टील के समाधान से बैंक को 8,500 करोड़ रुपए की वसूली करने में सफलता मिली है।
एक कार्यक्रम के अवसर पर उन्होंने कहा कि इसी तरह इलेक्ट्रो स्टील-वेदांता सौदे से बैंक को 6,000 करोड़ रुपए की वसूली होने की उम्मीद है। बैंक का कुल एनपीए 2.20 लाख करोड़ रुपए का है। उन्होंने कहा कि आईबीसी के तहत निपटान प्रक्रिया के साथ-साथ बैंक को एक मुश्त निपटान, एआरसी की बिक्री आदि से 10,000 करोड़ रुपए और मिलने की उम्मीद है।
बैंक ने कुल मिलाकर 95,000 करोड़ रुपए के लिए आईबीसी के तहत 250 मामले दाखिल किए हैं। मोहापात्रा ने कहा कि जो भी दबाव वाली आस्तियां थीं, उन्हें चिन्हित कर लिया गया है। हमें पूरी राशि की वसूली की उम्मीद नहीं है।