नई दिल्ली। आज (शुक्रवार) से बैंक और लेन-देन से जुड़े कई ऐसे नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं जिसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा। जहां एक तरफ भारतीय स्टेट बैंक ने डिपॉजिट पर ब्याज की दरों में बदलाव कर दिया है वहीं कुछ राज्यों में सरकारी बैंकों की टाइमिंग पर भी बदलाव किया गया है। साथ ही कारोबारियों के लिए भी वित्त मंत्रालय ने भुगतान लेने के नियमों में बदलाव किया है। आप भी जानिए आखिर एक नवंबर 2019 से किन नियमों में बदलाव होने जा रहा है और इसका आप पर क्या असर पड़ेगा।
एसबीआई ग्राहकों को लगेगा झटका
अगर आप स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के ग्राहक हैं तो एक नवंबर 2019 से डिपॉजिट पर ब्याज की दरें बदल जाएंगी। बैंक के इस फैसले का असर 42 करोड़ ग्राहकों पर होगा। एसबीआई ने इस संबंध में 9 अक्टूबर को जानकारी दी थी। SBI की घोषणा के मुताबिक, एक लाख रुपए तक के डिपॉजिट पर ब्याज की दर 0.25 फीसदी घटाकर 3.25 फीसदी कर दी गई है। एक लाख रुपए से ज्यादा अगर आपके सेविंग्स अकाउंट में बैलेंस है तो उस पर ब्याज अब रेपो रेट के अनुसार मिलेगा, वर्तमान में यह 3 फीसदी है।
डिजिटल पेमेंट को लेकर बदले नियम
एक नवंबर 2019 से वित्त मंत्रालय भुगतान लेने के नियमों में बदलाव करने जा रहा है। 1 नवंबर 2019 से कारोबारियों को डिजिटल पेमेंट लेना अनिवार्य होगा। इसके अलावा ग्राहक या मर्चेंट्स से डिजिटल पेमेंट के लिए कोई भी शुल्क या मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) नहीं वसूला जाएगा। नए नियम के अनुसार 50 करोड़ रुपए से ज्यादा के टर्नओवर वाले कारोबारियों के ऊपर ही यह नियम लागू होगा। नए नियम में कारोबारियों को इलेक्ट्रॉनिक मोड से भुगतान लेने पर अब कोई भी शुल्क या चार्ज नहीं देना होगा।
महाराष्ट्र में बैंकों का नया टाइम टेबल
1 नवंबर 2019 से महाराष्ट्र में पब्लिक सेक्टर बैंकों (पीएसयू) का नया टाइम टेबल लागू हो जाएगा। अब यहां सभी बैंक एक ही समय पर खुलेंगे और बंद होंगे। नए टाइमटेबल के मुताबिक महाराष्ट्र में अब बैंक सुबह 9 बजे खुलेंगे और शाम 4 बजे तक कामकाज होगा। गौरतलब है कि बैंकों का समय सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होता है। हालांकि, लेन-देन का काम दोपहर 3.30 बजे तक ही होता है। बैंकर्स कमेटी ने महाराष्ट्र में जो टाइम टेबल फाइनल किया है, जो 1 नवंबर से लागू हो जाएगा। बता दें कि वित्त मंत्रालय ने बैंकों के कामकाज के समय को एक जैसा करने का निर्देश दिया था। पहले, एक ही इलाके में बैंकों के कामकाज के वक्त में अंतर होता था।