नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने बुधवार को सभी अवधि के लिए अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स आधारित ब्याज दरों (एमसीएलआर) में 10 आधार अंकों की कटौती करने की घोषणा की है। बैंक ने कहा है कि 10 अक्टूबर से उसकी एमसीएलआर दर 8.05 प्रतिशत होगी। एमसीएलआर में कटौती से मौजूदा ग्राहकों के लिए होम और अन्य रिटेल लोन सस्ते होंगे।
बैंक की एक-साल की अवधि के लिए एमसीएलआर 8.15 प्रतिशत से घटकर अब 8.05 प्रतिशत वार्षिक हो गई है। वित्त वर्ष 2019-20 में एमसीएलआर में यह छठवीं बार कटौती की गई है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती के बाद एसबीआई ने यह घोषणा की है।
देश के सबसे बड़े सार्वजनिक बैंक ने अपने बयान में कहा है कि त्यौहारों को ध्यान में रखते हुए और सभी वर्ग के उपभोक्ताओं को फायदा पहुंचाने के लिए एसबीआई ने सभी अवधि के लिए एमसीएलआर में 10 आधार अंकों की कटौती की है।
एमसीएलआर वह दर न्यूनतम ब्याज दर होती है, जिससे कम पर बैंक ऋण नहीं दे सकते हैं। आरबीआई द्वारा अनुमति वाले कुछ मामलों में बैंक एमसीएलआर दर से कम पर भी स्वतंत्र होते हैं। एमसीएलआर दर बैंक की वित्तपोषण लागत पर निर्भर होती है। इसलिए यदि मौजूदा होम लोन एसबीआई की एमसीएलआर दर से लिंक है तो ताजा कटौती के बाद इसकी ईएमआई में तुरंत कमी नहीं दिख सकती है। एमसीएलआर आधारित लोन सामान्य तौर पर एक साल के रिसेट क्लॉज के साथ होते हैं।
नए ग्राहकों के लिए एसबीआई अब रेपो-रेट के साथ लिंक होम लोन स्कीम पेश कर रही है। इस स्कीम के तहत आरबीआई जब भी अपने बेंचमार्क रेट में संशोधन करता है उसके अनुरूप ही आपकी ब्याज दर में भी संशोधन होता है।
एसबीआई अपने एक्सटर्नल बेंचमार्क-बेस्ड ब्याज दर को आरबीआई के रेपो रेट से 265 आधार अंकों तक वसूलती है। आरबीआई की रेपो रेट वर्तमान में 5.15 प्रतिशत है। बैंक अपने मार्जिन के लिए प्रभावी होम लोन रेट पर एक प्रीमियम भी वसूलते हैं।